पिता की मौत से मुश्किलों में बीता अमित साध का बचपन, कहा- अब कोई शिकायत नहीं
अमित साध 'काई पो चे', 'सुल्तान', 'गोल्ड' जैसी फिल्मों से अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं। उनकी वेब सीरीज 'ब्रीद' का अलग प्रशंसक वर्ग है। अपने गंभीर किरदारों से उन्होंने पर्दे पर दर्शकों को खूब प्रभावित किया है। इन दिनों वह अपनी आने वाली वेब सीरीज 'दुरंगा 2' के लिए चर्चा में हैं। पर्दे के पीछे असल जिंदगी में भी उनका व्यक्तित्व प्रभावित करने वाला है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने निराशा और उम्मीदों पर दिल की बात कही।
अब तक की सबसे बेहतर स्थिति में हैं साध
फिल्मफेयर से बातचीत में साध ने बताया कि इन दिनों वह अपनी अब तक की सबसे बेहतर मानसिक स्तिथि में हैं। वह काफी सुकून में और खुश हैं। 15-16 साल की उम्र में साध ने अपने पिता को खो दिया था। इसके बाद वह काफी परेशान रहे थे। उन्होंने कहा, "हम जिन मुश्किलों, चुनौतियों और अंधेरों से गुजरते हैं, वे हमें बनाते हैं और हमारे व्यवहार और सोच पर प्रभाव डालते हैं।
कलाकारों की उपलब्धि के पीछे होता है ये मकसद
साध ने कहा, "हां, अपनी किशोरावस्था में मैं काफी संघर्ष कर रहा था। अपने टीवी के दिनों में, यहां तक कि कुछ साल पहले तक भी। अच्छी बात यह है कि अब कोई सदमा नहीं है, कोई गुस्सा, कोई शिकायत नहीं है। अब सिर्फ प्यार है, सम्मान है और बहुत सारी उम्मीद है। मैं मानता हूं कि कलाकार दर्शकों से जुड़ते हैं, जिसका एक मकसद हमारी उपलब्धियों से कहीं ज्यादा होता है। यह लोगों को प्यार करने के लिए है।"
गुस्सा नकारात्मक भावना नहीं- साध
साध ने लोगों के गुस्से पर भी बात की। उन्होंने कहा कि गुस्सा कोई नकारात्मक भावना नहीं है। उन्होंने कहा, "आप उसके बिना नहीं रह सकते हैं। यह एक प्रतिक्रिया होती है। अगर कोई कहता है कि मुझे गुस्सा नहीं आता, तो वह झूठ बोल रहा है। बहुत से लोग गुस्सैल होते हैं, बहुत से लोग ईमानदार होते हैं और बहुत से लोग निष्क्रिय रूप से गुस्सैल (पैसिव अग्रैसिव) होते हैं।"
लद्दाख जाते समय हुआ हादसा
एक अन्य इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कैसे लद्दाख जाते वक्त वह हादसे का शिकार हो गए थे। वह अपनी बाइक से लद्दाख के सफर पर थे और एक जगह नशे में धुत एक व्यक्ति ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी थी। उन्होंने कहा, "ऐसी चीजें हमें बताती हैं कि हम कितने खुशकिस्मत हैं कि हम जिंदा हैं और वो सब कर पा रहे हैं, जो हम करना चाहते हैं।"