#Review: जानिए कैसी है अभिषेक बच्चन की पहली वेब सीरीज 'ब्रीद: इनटू द शैडो'
कोरोना वायरस के कारण सिनेमाघर बंद होने से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फिल्मों और वेब सीरीज की बाढ़ सी आ गई है। बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन भी 'ब्रीद: इनटू द शैडो' के साथ इस कड़ी में जुड़ गए हैं। पिछली बार दर्शकों ने आर माधवन की 'ब्रीद' को बेहद पसंद किया था। इस बार 'ब्रीद: इनटू द शैडो' लगभग 45-45 मिनट के 12 एपिसोड के साथ अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो चुकी है। आइए जानते हैं कैसी है 'ब्रीद 2'।
यहां से शुरू होती है कहानी
यह कहानी है अविनाश सबरवाल (अभिषेक बच्चन) के खुशहाल परिवार की। जिसकी हंसती-खेलती जिंदगी अचानक दुख में बदल जाती है। अविनाश एक मनोचिकित्सक हैं जो दिल्ली में पत्नी आभा (नित्या मेनन) और छह साल की बेटी सिया (इवाना कौर) के साथ रहते हैं। एक दिन एक पार्टी से सिया का किडनैप हो जाता है और लाख कोशिशों के बाद भी सिया नहीं मिलती। इसी बीच क्राइम ब्रांच ऑफिसर कबीर सावंत (अमित साध) का मुंबई से दिल्ली ट्रांसफर होता है।
सिया के बदले अविनाश को मिला टास्क
एक दिन किडनैपर अविनाश को एक आईपॉड में वीडियो के जरिए सिया के बदले मर्डर करने के लिए कहता है। फिर ये केस कबीर को मिलता है। इस दौरान कहानी में हर मोड़ पर सस्पेंस देखने को मिलेगा। आखिर कौन है ये किडनैपर? क्यों इसने अविनाश की ही बेटी को किडनैप किया? वह क्यों लोगों का मर्डर करवा रहा है और क्या कबीर केस सुलझा पाएंगे? ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सीरीज देखनी होगी।
शानदार है अभिषेक और नित्या का अभिनय
अभिषेक बच्चन ने एक जिम्मेदार पिता और मनोकिचित्सक के तौर पर बेहतरीन काम किया है। उनके किरदार को जितना सुलझा हुआ शुरुआत में दिखाया गया है उतना है नहीं। खुशी, दुख, गुस्सा हर तरह के भाव को उन्होंने बखूबी अपने चेहरे पर दिखाए है। आभा के किरदार में नित्या ने भी शानदार काम किया है। वह एक ऐसी मां बनी हैं जो किसी भी हाल में अपनी बच्ची को अपने पास लाना चाहती हैं।
अमित साध ने फूंक दी इस सीरीज में जान
इस सीरीज के पुराने किरदार कबीर सावंत के रूप में अमित साध फिर अपने जबरदस्त अंदाज में लौट आए हैं। उन्होंने अपने अभिनय से इस सीरीज में जान फूंक दी। वह जिस सीन में दिखे उन पर से नजर हटाना मुश्किल है। यह गंभीर और गुस्सैल पुलिस ऑफिसर इस बार काफी क्यूट हो गया है, जो अब कभी-कभी हंस देता है। उनके अलावा ऋषिकेश जोशी, श्रद्धा कौल, सैयामी खेर और श्रीकांत वर्मा ने अपने किरदारों के साथ इंसाफ किया है।
मयंक ने बेहतरीन ढंग से परोसी कहानी
इस वेब सीरीज का निर्देशन मयंक शर्मा ने किया है, जबकि इसकी कहानी मयंक, अय्यर, अरशद सयेद और विक्रम तुली ने लिखी है। सीरीज की कहानी बेशक आपको नई न लगे, लेकिन जिस तरह इसे पेश किया है वह तारीफ के काबिल है। शुरुआत थोड़ी धीमी है, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, धड़कने भी बढ़ने लगती है और यही एक शानदार निर्देशन की निशानी कह सकते हैं। उन्होंने अंत में अगली सीरीज के भी संकेत छोड़ दिए हैं।
वेब सीरीज की दिलचस्प बातें
जो लोग सिर्फ हिन्दी वेब सीरीज के ही शौकीन है उन्हें ये पसंद आएगी। शुरुआत से लेकर अंत तक यह सीरीज आपको बांधे रखने में कामयाब होगी। हर एपिसोड का अंत इस तरह से किया है कि आप अगले एपिसोड के लिए उत्सुक हो जाएंगे।
जानिए क्या है कमजोर कड़ी
इस वेब सीरीज की कुछ चीजें आपको बोर कर सकती हैं। जैसे इसकी रफ्तार बहुत धीमी है। कुछ सीन्स बहुत खीचे हुए से लगते हैं। 45 मिनट के एपिसोड को 30 मिनट का किया जा सकता था। इसके अलावा सबूतों के साथ इतनी आसानी से छेड़छाड़ करना भी थोड़ा अजीब है। वहीं, दूसरी ओर क्लाइमेक्स के लिए अगर एक स्टेप और आगे बढ़ाया जाता तो यह और भी बेहतर बन सकता था।
देखें या न देखें?
इस सीरीज में आपको कई मोड़ देखने को मिलेंगे। अगर आप इसे एक बार देखना शुरु करेंगे तो बीच में नहीं छोड़ पाएंगे। हालांकि, पहले सीजन को अगर दिमाग में रखकर न देखें तो ही आपको यह सीरीज काफी पसंद आएगी। कुल मिलाकर कहा जाए तो कम से कम एक बार तो 'ब्रीद: इनटू द शैडो' आपको जरूर देखनी चाहिए। हम इस सीरीज को पांच में से तीन स्टार्स दे रहे हैं।