नेपोटिज्म पर अभय देओल ने फिर कही बड़ी बात, बोले- ये हमारा टर्निंग मोमेंट है
क्या है खबर?
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद चारों ओर सिर्फ नेपोटिज्म पर बहस चल रही है। कई मशहूर हस्तियां इस विषय पर खुलकर बात कर रही हैं।
इन्हीं सितारों में से एक बॉलीवुड अभिनेता अभय देओल भी हैं, जो पिछले काफी दिनों से सुर्खियों में बने हैं।
अब अभय ने बॉलीवुड के ही-मैन कहे जाने वाले दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के साथ अपनी एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की है। इसके साथ उन्होंने फिर नेपोटिज्म पर चर्चा की है।
पोस्ट
एक आउटसाइटर होने के बावजूद धर्मेंद्र ने हासिल किया बड़ा नाम
अभय ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'मेरे अंकल, जिन्हें मैं प्यार से डैड कहता हूं, वह भी एक आउटसाइडर थे, जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम हासिल किया। मुझे खुशी है कि अब पर्दे के पीछे के सीन को लेकर भी एक एक्टिव बहस चल रही है।'
उन्होंने कहा, 'नेपोटिज्म तो बस इसका एक छोटा सा हिस्सा है। मैंने अपने परिवार के साथ केवल एक फिल्म की, मेरी पहली फिल्म, मैं आभारी हूं कि मैंने ये सौभाग्य प्राप्त किया है।'
नेपोटिज्म
हर जगह है नेपोटिज्म- अभय
अभय ने आगे लिखा, 'मैं अपने करियर में रास्ता बनाने के लिए काफी आगे तक आया, डैड ने हमेशा प्रोत्साहित किया। वह मेरे लिए प्रेरणा थे।'
अभय ने बताया, 'नेपोटिज्म हर जगह है। मैं इसके बारे में जानता था। इसने मुझे नए निर्माता-निर्देशकों के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया। मैं ऐसी फिल्में बनाने में सक्षम रहा, जिन्हें "Out of the box" माना गया। मुझे खुशी है उन कलाकारों और फिल्मों में से कुछ को जबरदस्त सफलता मिली।'
बदलाव
हर इंडस्ट्री में बदलाव की जरूरत- अभय
अभय ने लिखा, 'नेपोटिज्म हर देश में है, नेपोटिज्म ने भारत में एक और आयाम लिया है। दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में यहां जाति बड़ा रोल निभाती है। आखिरकार, ये "जाति" है जो तय करती है कि एक बेटा पिता के काम को आगे बढ़ाएगा, जबकि बेटी शादी करके हाउस वाइफ बनेगी।'
उन्होंने कहा, 'अगर हम बदलाव के लिए गंभीर हैं तो हमें सिर्फ एक इंडस्ट्री पर ही फोकस नहीं रखना होगा। ऐसा करना अधूरा काम होगा।'
टर्निंग मोमेंट
अब शायद टर्निंग मोमेंट हैं- अभय
अभय ने कहा, 'हर जगह प्रतिभा चमकना चाहती है। कुछ हफ्तों में देखा गया कई रास्ते हैं जहां आर्टिस्ट या तो सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ता है या उसे नीचे धकेल दिया जाता है।'
आगे लिखा 'मुझे खुशी है आज अभिनेता सामने आकर अपने अनुभवों पर बोल रहे हैं। मैं सालों से आवाज उठा रहा हूं। अकेले मैं केवल इतना ही कर सकता था। लेकिन एक समूह के रूप में ये मुश्किल हो जाता है। शायद ये टर्निंग मोमेंट है।'
पुराना मामला
इससे पहले भी नेपोटिज्म पर भड़क चुके हैं अभय
अभय देओल इससे पहले बॉलीवुड लॉबी के बारे में खुलकर बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यह कई दशकों से चलती आ रही है।
इसके अलावा उन्होंने इंस्टाग्राम पर फिल्म 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' का एक पोस्ट शेयर करते हुए बॉलीवुड में होने वाली नेपोटिज्म का उदाहरण दिया था।
उन्होंने लिखा था कि अवॉर्ड फंक्शन्स में उन्हें और फरहान को सपोर्टिंग रोल में दिखाते हुए ऋतिक रोशन को लीड एक्टर के तौर पर नामांकित किया गया था।