मुकेश की 100वीं जयंती: क्लर्क बनाना चाहते थे पिता, बहन की शादी से शुरु हुई गायकी
भारतीय संगीत के दिग्गज गायक मुकेश की इस साल 100वीं जयंती है। मुकेश का जन्म 22 जुलाई 1923 को दिल्ली में हुआ था। 10 भाई-बहनों में वह 6वें नंबर पर थे। यह उनकी गायकी का ही कमाल है कि 40 और 50 के दशक में मुकेश के गाए हुए गाने आज भी पसंद किए जाते हैं। मुकेश ने अपने करियर में ज्यादातर दुख भरे गाने गाए हैं। आइए, जानते हैं कैसे शुरु हुआ था मुकेश का सफर।
...जब बहन की शादी में गा रहे थे मुकेश
1976 में BBC को दिए एक इंटरव्यू में मुकेश ने बताया था कि उनके गायिकी के सफर की शुरुआत कैसे हुई थी। दरअसल, मुकेश अपनी बहन की शादी में बारातियों के मनोरंजन के लिए हारमोनियम पर गाना गा रहे थे। मेहमानों में फिल्म जगत से जुड़े 2 लोग (अभिनेता मोतीलाल) भी मौजूद थे। सारी रात गीत-संगीत का कार्यक्रम चलता रहा। अगले दिन वे दोनों मुकेश के पिता से मिलने आ गए और कहा कि उनके बेटे में बड़ी प्रतिभा है।
मुकेश को क्लर्क बनाना चाहते थे पिता
मुकेश ने आगे बताया कि उनके पिता यह सुनकर चौंक गए। मुकेश ने हंसते हुए बताया था, "हमारे पिता को पता ही नहीं था ये गाना-वाना क्या होता है, ना मुझे पता था। मैं तब 10वीं में पढ़ता था।" उन लोगों ने उनके पिता से कहा, "इसे फिल्मों में भेज दीजिए, ये सहगल से भी बड़ा नाम कमाएगा।" तब उनके पिता इसके लिए राजी नहीं हुए और कहा कि वह अपने बेटे को क्लर्क बनवाएंगे।
सिंगिंग हीरो के तौर पर की शुरुआत
इसके कुछ समय बाद वे लोग 'निर्दोष' फिल्म बना रहे थे, जिसमें उन्हें एक युवा सिंगिंग हीरो की तलाश थी। इसके लिए उन्होंने फिर से मुकेश को एक टेलीग्राम भेजा। इस बार उनके पिता का मानना था कि अगर वे इतना कह रहे हैं, तो मुकेश जाकर अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। मुकेश उस फिल्म का हिस्सा बने, जो बिल्कुल नहीं चली। वह कंपनी भी बंद हो गई। इसके बाद मुकेश अपने घर वापस आ गए।
यह था मुकेश का पहला प्लेबैक गाना
घर आने के बाद मुकेश ने कभी शेयर ब्रोकर का काम किया तो कभी ड्राई फ्रूट विक्रेता का। उनका कहना था कि जब मुकद्दर में आप कुछ लिखवा कर लाए हों तो भगवान कुछ न कुछ तरीका निकाल ही लेते हैं। 1942 में भारत में पहली बार प्लेबैक सिंगिंग की शुरुआत हुई थी। इसके बाद मुकेश को फिल्म 'पहली नजर' में 'दिल जलता है तो जलने दे' गाने का मौका मिला। यह गाना खूब लोकप्रिय हुआ।
लोकप्रिय गाने
मुकेश के गानों के बिना हिंदी संगीत अधूरा है। मुकेश ने 'एक दिन बिक जाएगा', 'किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार', 'चांद सी महबूबा', 'कहीं दूर जब दिन ढल जाए', 'आवारा हूं', समेत सैंकड़ों गाने गाए हैं, जिनमें 110 गानें राज कपूर के लिए गाए।