उत्तर प्रदेश: अब सरकारी स्कूलों में बच्चे योग से करेंगे दिन की शुरूआत, लगेगी PT क्लास
क्या है खबर?
आज के समय में सभी लोग योग को काफी महत्व दे रहे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में छात्र भी अब योग करेंगे।
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के छात्र अब अपने दिन की शुरूआत योग से करेंगे।
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने अधिकारियों को योग कार्यक्रम को लागू करने का निर्देश भी दे दिया है।
इससे छात्र भी योग के महत्व को समझेंगे और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
जानें पूरी खबर।
योग सेशन
1.5 करोड़ छात्र करेंगे योग
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि वे ये सुनिश्चित करें कि राज्य के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में लगभग 1.5 करोड़ छात्र सुबह की असेंबली में 15 मिनट के योग सेशन में भाग लें।
इसके साथ ही छात्रों को स्कूल के बाद घर जाने से पहले 15 मिनट की PT क्लास में भी शामिल होना होगा।
उन्होंने 2022 तक कार्ययोजना और प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों पर एक थर्ड-पार्टी द्वारा सोशल ऑडिट मांगी है।
जानकारी
बच्चों को फिट रहने में मिलेगी मदद
HT के अनुसार द्विवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल के कारण योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। उन्होंने कहा कि योग करने से बच्चों को फिट रखने में मदद मिलेगी।
फ्लाइंग स्कॉड
मिड-डे मील की निगरानी के लिए गठित होंगे फ्लाइंग स्कॉड
मिर्ज़ापुर के एक प्राथमिक विद्यालय में छात्रों को दोपहर के खाने (मिड-डे मील) में 'रोटी-नमक' दिए जाने के विवाद के बाद द्विवेदी ने अधिकारियों को मिड-डे मील, किताबें, मोजे और जूते, बैग और यूनीफॉर्म वितरण की निगरानी के लिए सभी डिवीजनों में फ्लाइंग स्कॉड गठित करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही एक सरकारी स्कूल में बच्चों का एक और वीडियो सामने आया था, जिसमें केले के पत्तों पर दोपहर का खाना परोसा जा रहा था।
वायरल वीडियो
वायरल वीडियो में दिखा ये, लेकिन सच्चाई निकली अलग
हाल ही में वायरल हुए एक वीडियों में सभी बच्चों के बीच दो बच्चे पत्तियों पर खाना खाते हुए दिखे थे।
इसमें कहा गया था कि ये दोनों बच्चे मुस्लिम हैं, इसलिए इन्हे पत्तों पर खाना दिया गया।
लेकिन जांच से पता चला कि वीडियो तीन सप्ताह पुराना है और जो बच्चे पत्तों पर खाना खा रहे थे उनमे से एक मुस्लिम और दूसरा हिंदू है।
बच्चे अपनी प्लेटें लाना भूल गए थे, जिसके कारण उन्हें पत्तों पर खाना पड़ा।