UPSC: मॉक टेस्ट में प्रदर्शन को कैसे सुधारें? इन बातों का रखें ध्यान
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में सफलता की कुंजी अभ्यास है। परिणामों को अपने अनुसार अनुकूलित करने के लिए तैयारी के स्तर का मूल्यांकन करना सबसे ज्यादा जरूरी है और इसके लिए मॉक टेस्ट से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। मॉक टेस्ट उम्मीदवारों को वास्तविक परीक्षा के परिचित कराते हैं और गति के साथ सटीकता बढ़ाने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं उम्मीदवार मॉक टेस्ट में अपने प्रदर्शन को कैसे सुधार सकते हैं।
मूल्यांकन को प्राथमिकता दें
UPSC में सफलता के लिए केवल मॉक टेस्ट हल करना काफी नहीं है। उम्मीदवारों को मॉक टेस्ट के मूल्यांकन को प्राथमिकता देनी चाहिए। प्रत्येक टेस्ट हल करने के बाद देखें कि लापरवाही के कारण आपने कितने प्रश्नों में गलती की, आपके अनुमानित उत्तर गलत क्यों हुए और किन प्रश्नों में ज्यादा समय लगा। इसके बाद निर्धारित करें कि परीक्षा में कौन से प्रश्न छोड़े जाने चाहिए और किन प्रश्नों में आप परिकलित जोखिम ले सकते हैं।
अनुत्तरित प्रश्नों की दोबारा जांच करें
मॉक टेस्ट एक तरह का अभ्यास सत्र है। ऐसे में उम्मीदवार उन प्रश्नों की समीक्षा करें, जिन्हें आपने हल नहीं किया है। ये एक समय लेने वाली गतिविधि हो सकती है, लेकिन उम्मीदवारों को अनुत्तरित प्रश्नों को हल करने की कोशिश करनी चाहिए। इन प्रश्नों को हल करने के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करें। अगर फिर भी आप उत्तर देने में सक्षम नहीं है तो अवधारणाओं को संशोधित करने पर ध्यान केंद्रित करें।
नया प्रयोग करने में संकोच न करें
मॉक टेस्ट उम्मीदवारों को विभिन्न नई तकनीकों की प्रयोग की आजादी देते हैं। ऐसे में उम्मीदवार कोई भी नया प्रयोग करने में संकोच न करें। उदाहरण के लिए, अगर आप इतिहास भाग में अधिक सहज हैं तो पहले उस अनुभाग को हल करें। सही उत्तर पता न होने पर प्रश्न को अनुत्तरित न छोड़ें। गलत विकल्पों को हटाने के बाद आप सही विकल्प तक पहुंच सकते हैं। ऐसे में एक समझदारी पूर्ण अनुमान लगाने की कोशिश करें।
धीरे-धीरे बढ़ाए मॉक टेस्ट की संख्या
कई उम्मीदवार पाठ्यक्रम पूरा किए बिना ही अधिक संख्या में मॉक टेस्ट हल करने लगते हैं, लेकिन ये तरीका ठीक नहीं है। उम्मीदवार शुरुआत में 3 दिन में कम से कम 1 मॉक टेस्ट हल करें, इसके अलावा रिवीजन और अभ्यास पर ज्यादा ध्यान दें। एक बार अवधारणाओं में मजबूती हासिल करने के बाद मॉक टेस्ट की संख्या बढ़ाएं। हालांकि, दूसरा मॉक टेस्ट हल करने से पहले पिछले टेस्ट की कमियों को पहचानना और उनका समाधान खोजना जरूरी है।
पहले हल करें विषयवार टेस्ट
किसी एक विषय का पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद फुल लेंथ टेस्ट हल न करें। केवल विषयवार टेस्ट हल करें, इससे अवधारणाएं स्पष्ट करने में मदद मिलेगी। सामान्य ज्ञान के प्रमुख विषय और करेंट अफेयर्स पढ़ने बाद ही फुल लेंथ टेस्ट हल करें।