2016 की उत्तर प्रदेश सब इंस्पेक्टर भर्ती का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ी राहत देते हुए 2016 सब इंस्पेक्टर भर्ती के पास अभ्यर्थियों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में 2017 में आयोजित लिखित परीक्षा और उसके बाद आयोजित शारिरिक सहित अन्य परीक्षा के परिणाम को निरस्त करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया।
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2,486 पात्र उम्मीदवारों की जल्द नियुक्ति की जाए।
सुप्रीम कोर्ट
5 फरवरी, 2021 से सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षित था आदेश
5 फरवरी, 2021 से सुप्रीम कोर्ट में आदेश सुरक्षित था, जिस पर 7 जनवरी, 2022 को हुई सुनवाई के फैसला लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड के फैसले को सही बताया।
बता दें कि अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद भी ये उम्मीदवार घर बैठे थे और पासिंग आउट परेड से पहले ही ट्रेनिंग पूरी कर चुके सब इंस्पेक्टर को घर भेज दिया गया था।
हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने 2019 में भर्ती का रिजल्ट किया था रद्द
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 11 सितंबर, 2019 को सब इंस्पेक्टर की भर्ती का रिजल्ट रद्द करने का फैसला दिया था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस दौरान कहा था कि 50 फीसदी अंकों को योग्यता मानदंड माना जाएगा।
हाई कोर्ट ने कहा था कि इसके तहत जिन लोगों ने 50 फीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं, उनकी मेरिट लिस्ट बनाने में सामान्यीकरण का नियम (नार्मलाइजेशन रूल) लागू होगा।
परीक्षा
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में कैसे हुआ चयन?
NDTV के अनुसार, इन पदों के लिए 6,30,926 उम्मीदवारों ने आवेदन किए गए थे और इनमें से 11,734 छात्रों को आगे की परीक्षाओं के लिए बुलाया गया था।
इनमें से 5,461 ने 50 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए थे जबकि 5,713 ने 50 फीसदी (नॉर्मर्लजाइशन को जोड़ कर) पाए थे।
इसके बाद सभी 11,734 छात्रों को आगे की परीक्षाओं के लिए बुलाया गया और 50 फीसदी हासिल करने वालों की अंतिम सूची तैयार की गई थी।
पास
2,707 पदों पर 2,118 अभ्यर्थी ही हुए थे पास
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 2016 में राज्य पुलिस में 2,400 सब इंस्पेक्टर, 210 पलाटून कमांडेंट और 97 फायर अधिकारी की भर्ती के लिए आवेदन मंगाए गए थे।
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का फाइनल रिजल्ट 28 फरवरी, 2019 को आया था। इसमें कुल 2,707 पदों पर केवल 2,118 लोगों ही पास हुए थे और महिलाओं के लिए आरक्षित 600 सीटों में से 305 अभ्यर्थी ही पास हुईं थीं।