UGC ने फिर दिया सुझाव, कहा- चार साल का हो ग्रेजुएशन पाठयक्रम
अगर आप भी ग्रेजुएशन करने वाले हैं, तो आपके लिए ये खबर पढ़ना बहुत जरुरी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अंडरग्रेजुएट कोर्स में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। UGC ने फिर से एक बार ग्रेजुएशन कार्यक्रम को तीन साल से चार साल का करने का सुझाव दिया है। तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने पांच साल पहले दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) द्वारा पेश किए गए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को खारिज कर दिया था। जानें पूरी खबर।
ये कहा गया रिपोर्ट में
हाल ही में UGC की चार सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को चार वर्ष का करने के लिए सुझाव दिया है। इस समिति की अध्यक्षता भारतीय विज्ञान संस्थान (बेंगलुरु) के पूर्व निदेशक प्रोफेसर पी. बालाराम नेकी थी। दैनिक जागरण की खबर के अनुसार रिपोर्ट में चार साल के स्नातक कार्यक्रम प्रदान करने वाले विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाई जाने को कहा गया है, जिसके कि डॉक्टरेट के लिए अच्छे छात्र मिल सकें।
पिछले महीने ही मानव संसाधन विकास मंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट
पूर्व इसरो प्रमुख के नेतृत्व वाले NEP पैनल का कहना है कि कॉलेजों को तीन और चार साल के दोनों पाठ्यक्रमों को एक साथ चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मसौदा रिपोर्ट के अनुसार चार साल का स्नातक कार्यकम वैकल्पिक तौर पर रिसर्च में मदद करेगा। पिछले महीने ही रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को सौंप दी गई थी।
अब B.Ed पाठयक्रम भी होगा चार साल का
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस सुझाव से पहले ही सरकार ने इस साल से चार साल का B.Ed पाठ्यक्रम शुरु करने की घोषणा की थी। अब उम्मीदवार 12वीं के बाद चार साल का इंटीग्रेटेड कोर्स कर सकते हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम पर भी कोई बड़ा फैसला ले सकती है। हालांकि अभी तक सरकार इसको मामले को नकारती रही है।
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