इस सरकारी स्कूल के बच्चों के नाम दर्ज हैं रिकॉर्ड, सुना सकते हैं 100 तक पहाड़े
जहां एक तरफ कहा जाता है कि सरकारी स्कूल में बच्चों को अच्छी और सही शिक्षा नहीं मिलती है, वहीं उत्तर प्रदेश के इस सरकारी स्कूल ने इस बात को गलत साबित कर दिखाया है। जी हां उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के प्राथमिक विद्यालय भीखमपुरवा के छात्रों ने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। इस स्कूल के छात्रों के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। आइए जानें किस छात्र के नाम दर्ज है कौन सा रिकॉर्ड।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है कलास चार की इस छात्रा का नाम
प्राथमिक विद्यालय भीखमपुरवा की क्लास चार की छात्रा अंशिका मिश्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज है। अंशिका ने सिर्फ 6 मिनट 26 सेकेंड में सभी जिलों के नाम सुनाकर रिकॉर्ड बनाया है। इसके साथ ही उन्हें इंडिया स्टार आइकॉन ने भी सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही अंशिका को अभी तक के सभी राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के नाम और प्रमुख दिवस भी याद हैं, जो कि एक होनहार छात्र की पहचान बताता है।
ये चार छात्रा हैं ज्यादा होनहार
जहां प्राथमिक विद्यालय भीखमपुरवा के सभी छात्र और छात्राएं काफी हुनर रखते हैं, वहीं स्कूल की चार छात्राएं एक्स्ट्रा ब्रिलियंट हैं। न्यूज18 के अनुसार स्कूल के प्रिंसिपल मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि उनके स्कूल में कुल 115 बच्चे पढ़ते है। जिसमें से 60 लड़कियां और 55 लड़के हैं। इन सभी बच्चों में से 5वीं की सुप्रिया, चार की अंशिका, क्लास 1 की बबली और अंजलि कुछ ज्यादा ही होनहार हैं।
इस छात्र को पता हैं सभी देश की राजधानियों के नाम
बता दें कि स्कूल की सबसे ज्यादा होनहार छात्रों में अपना नाम शामिल करने वालीं क्लास एक की छात्रा बबली को एशिया के सभी 48 देशों के साथ-साथ उनकी राजधानियों के नाम भी याद हैं और वे बिना रुके उनके नाम सुना देती हैं।
सुप्रिया को आते हैं 100 तक पहाड़े
स्कूले के प्रिंसिपल ने इस बात का भी दावा किया है कि जहां एक तरफ अच्छे कान्वेंट स्कूलों के बच्चे 15 से 20 तक के पहाड़े (टेबल) सही से नहीं सुना पाते है, वही उनकी छात्रा सुप्रिया 100 तक का पहाड़ा बिना रुके सुना सकती है। सुप्रिया एक गरीब परिवार से है। उसके के पिता एक ट्रक ड्राइवर हैं। शिक्षा क्षेत्र में गोंडा का भीखमपुरवा प्राथमिक विद्यालय अपनी एक अलग ही पहचान बना चुका है।
इन क्षेत्रों में भी छात्रों ने बनाया नाम
स्कूल के प्रिसिंपल के अनुसार छात्र जल्द ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग में भी अपनी पहचान बनाने वाले हैं। साथ ही बच्चे चित्रकारी में भी कई प्रतियोगिता जीत चुके हैं। वहीं कुछ बच्चे गायन के क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। बच्चे सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 02:00 बजे तक पूरी लगन और मेहनत से पढ़ाई करते हैं, जिसका रिजल्ट आपके सामने है।