सरकारी आदेशों के बावजूद पटना में अभिभावकों पर डाला जा रहा स्कूल फीस देने का दबाव
क्या है खबर?
राज्य सरकार के मना करने के बावजूद पटना में कई प्राइवेट स्कूल अभिभावकों पर फीस देने के लिए दबाव बना रहे हैं।
कुछ स्कूलों ने अभिभावकों को धमकी दी है कि अगर वे फीस जमा नहीं करेंगे तो उनके बच्चों का प्रवेश रद्द कर दिया जाएगा।
बता दें कि कोरोना वायरस के कारण देश में 24 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है, जिस वजह से सरकार ने स्कूल फीस को लेकर कुछ आदेश जारी किए थे।
आदेश
अप्रैल में जारी किया था फीस के लिए दबाव न बनाने का आदेश
अप्रैल में पटना के जिला मजिस्ट्रेट कुमार रवि ने आदेश जारी कर कहा था कि लॉकडाउन को देखते हुए स्कूल अभिभावकों पर तीन महीने की फीस जमा करने के लिए दबाव न डालें।
साथ ही आदेश में ये भी कहा गया है कि ऑनलाइन क्लासेस चला रहे स्कूल एक महीने की ट्यूशन फीस ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए भी अभिभावकों पर कोई दबाव न बनाएं।
बता दें कि मध्य मार्च से सभी स्कूल बंद हैं।
फीस
फीस में भी किया इजाफा
हिंदुस्तान टाइम के अनुसार, एक अभिभावक का कहना है कि स्कूल ने उनसे 14,650 रुपये फीस देने के लिए कहा है, जिसमें 9,000 रुपये टर्म फीस, 2,400 रुपये बस की फीस और 3,250 रुपये अप्रैल की ट्यूशन फीस शामिल हैं। इसके बाद अब स्कूल फिर से मई-जून की फीस जमा करने के लिए कह रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल ने 12.92% ट्यूशन फीस और 14.58% परिवहन फीस भी बढ़ा दी है।
प्रतिक्रिया
स्कूलों को देना होता है किराया- शमाएल अहमद
सरकार के इस आदेश पर प्राइवेट स्कूल और चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमाएल अहमद ने तर्क देते हुए कहा कि चाहे स्कूल बंद हों या खुले, उन्हें स्कूलों का किराए और बिजली के बिल आदि का भुगतान करना होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चुनाव के दौरान प्राइवेट स्कूलों के संसाधनों का उपयोग करती है, लेकिन जब राहत पैकेज या छूट देने की बात आती है तो पीछे हट जाती है।
स्कूल
स्कूलों से मांगा गया जवाब
शिक्षा के क्षेत्रीय उप निदेशक सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने बीते रविवार को बताया कि अब तक 28 स्कूलों को कारण बताओ पत्र जारी किया जा चुका है।
बिहार प्राइवेट स्कूल अधिनियम 2019 का पालन न करने के कारण कुल 28 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है।
साथ ही स्कूलों को चल रहे और अंतिम शैक्षणिक वर्ष के फीस स्ट्रक्चर के साथ अपने जवाब देने को कहा है। अब तक कुल 12 स्कूलों ने जवाब दे दिया है।