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दिल्ली में 9वीं की परीक्षा में पूछे गए धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले सवाल

दिल्ली में 9वीं की परीक्षा में पूछे गए धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले सवाल

Mar 08, 2019
05:39 pm

क्या है खबर?

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 9वीं की परीक्षा में दो ऐसे सवाल पूछे गए हैं, जिनसे धार्मिक भावनाओं पर चोट पहुंच सकती है। परीक्षा में राम, रहीम और सीता से जुड़े सवाल पूछे गए हैं। सवालों को देखकर जहां कुछ अध्यापक अचरज में पड़ गए, वहीं कुछ नाराज भी हो गए। इसके साथ ही अध्यापकों का कहना है कि इससे समाज के बड़े वर्ग की भावनाओं को चोट पहुंचती है। आइए जानें क्या है पूरी खबर।

पहला सवाल

एक सवाल में राम भगवान के बारे में पूछा गया

बुधवार यानी कि 06 मार्च, 2019 को शाम की शिफ्ट की परीक्षा में ये सवाल पूछे गए थे। पहला सवाल हिंदुओं के भगवान श्रीराम के बारे में था। सवाल में चार स्थ‍ितियां दिखाकर यह बताने को कहा गया था कि कौन-सा स्वरूप लोकतंत्र का है और इसके बारे में अपने तर्क रखें। सवाल में कहा गया था कि राम के शासन में सभी निर्णय राजा द्वारा लिए जाते थे और उनमें जनता का योगदान नहीं होता था।

दूसरा सवाल

सीता पर भी पूछा गया एक सवाल

दूसरे सवाल में चार स्थिति देकर छात्रों से कहा गया था कि वे उस स्थिति को चुनें, जिसमें किसी व्यक्ति के मूल अधिकारों का हनन हो रहा हो। एक स्थ‍िति में सीता 'जी' को गिरफ्तार हुए दो साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया है। इसमें रामायण का जिक्र नहीं हैं, लेकिन सीता के आगे ब्रैकेट में जी लिखा हाने के कारण इसे देवी सीता से जोड़कर देखा जा रहा है।

जानकारी

रहीम जी को लेकर भी दी गई एक स्थ‍िति

दूसरे सवाल में ही एक और स्थ‍िति दी गई, जिसमें कहा गया कि रहीम जी और उनका संगठन शांतिपूर्ण तरीके से सरकार की नीतियों के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन करना चाहता है, लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जा रही है।

पत्र

डिप्टी CM को भेजे गए पत्र में लिखा ये

डिप्टी CM को लिखे अपने पत्र में अध्यापकों के एसोसिएशन GSTA ने लिखा है कि किसी भी वाक्य या शब्द का अगर समुचित तरीके से उपयोग न किया जाए और समाज के सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का ध्यान भी नहीं रखा जाए, तो भयावह समस्या खड़ी हो सकती है। क्योंकि इस कारण समाज के एक बड़े वर्ग की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। इसके साथ ही यह IPC के तहत भी एक दंडनीय अपराध है।