अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया का अहम हिस्सा बन सकता है साइकोमेट्रिक टेस्ट, जानिए इसके बारे में
क्या है खबर?
अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में पहली बार साइकोमेट्रिक टेस्ट को शामिल किया गया है।
महाराष्ट्र के पुणे में ये प्रयोग किया गया। यहां पुणे के बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप सेंटर में 20 से 29 नवंबर के बीच अग्निवीर भर्ती के पहले चरण यानि लिखित परीक्षा को पास कर चुके उम्मीदवारों ने टेस्ट दिया।
ये टेस्ट सामान्य चयन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है, इसे केवल ट्रायल के तौर पर लिया गया था।
आइए इस टेस्ट के बारे में जानें।
टेस्ट
क्या है साइकोमेट्रिक टेस्ट?
साइकोमेट्रिक टेस्ट की मदद से किसी व्यक्ति के ज्ञान, मानसिक क्षमता और व्यवहार को मापा जाता है।
इसके 2 प्रमुख प्रकार हैं- व्यक्तित्व परीक्षण और योग्यता परीक्षण।
व्यक्तित्व परीक्षण में उम्मीदवारों के व्यवहार, दबाव सहन करने की क्षमता, समस्या समाधान कौशल और टीम के सदस्यों के साथ काम करने की क्षमता की जांच की जाती है।
योग्यता परीक्षण में विषयवस्तु से संबंधित ज्ञान और तकनीकी कौशल की जांच की जाती है।
इस बार ये दोनों कंप्यूटर आधारित टेस्ट हुए हैं।
जानकारी
कब से हुई साइकोमेट्रिक टेस्ट की शुरुआत?
साइकोमेट्रिक टेस्ट का प्रयोग लगभग 19वीं सदी की शुरुआत से किया जा रहा है। सबसे पहले फ्रांसिस गैल्टन ने मानव क्षमताओं और लक्षणों पर शोध किया। इसके बाद 20वीं सदी में अल्फ्रेड बिनेट ने साइकोमेट्रिक टेस्ट का इस्तेमाल किया।
भर्ती
भर्ती प्रक्रिया में क्यों शामिल किए जाते हैं ये टेस्ट?
भर्ती प्रक्रिया में सबसे उपयुक्त उम्मीदवार को ढूंढने के लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट को शामिल किया जाता है।
विभिन्न प्रकार के साइकोमेट्रिक टेस्ट के जरिए उम्मीदवार का समग्र अवलोकन किया जा सकता है। ये टेस्ट पारंपरिक मूल्यांकन विधियों की तुलना में अधिक विस्तृत और व्यवहारिक जानकारी देते हैं।
ये टेस्ट नियोक्ताओं को जानने में मदद करते हैं कि उम्मीदवार किन भूमिकाओं में सबसे अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
ऐसे में इस टेस्ट को अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है।
अग्निवीर
अग्निवीर भर्ती में किस तरह होगा मददगार?
अग्निवीर भर्ती में इस्तेमाल किए गए साइकोमेट्रिक टेस्ट को DRDO ने तैयार किया है।
डायरेक्टर जनरल ऑफ रिक्रूटिंग ऑफ द इंडियन आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल NS सरना ने कहा कि ये टेस्ट फिलहाल शुरुआती स्टेज में है।
उन्होंने बताया कि सेना में भर्ती होने जा रहे उम्मीदवारों में युद्धस्थल और कठिन हालातों का सामना करने की क्षमता को जांचने के लिए मानसिक योग्यता और व्यक्तित्व का टेस्ट होना जरूरी है। ये बेहतर उम्मीदवारों के चयन में मदद करेगा।
प्रकिया
अभी कैसे होता है अग्निवीरों का चयन?
अग्निवीर बनने के लिए उम्मीदवारों को सबसे पहले कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा देनी होती है।
इसमें पास होने के बाद उम्मीदवार शारीरिक योग्यता परीक्षा के चरण में शामिल होते हैं। शारीरिक परीक्षा में दौड़, लंबी कूंद, पुशअप्स के जरिए उम्मीदवारों का परीक्षण किया जाता है।
इसके बाद उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट और दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया जाता है। इसके बाद अंतिम मेरिट सूची जारी की जाती है।
अब भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किए जाने पर विचार चल रहा है।