परीक्षा पे चर्चा: प्रधानमंत्री मोदी ने की छात्रों से बातचीत, सफलता के लिए बताए ये टिप्स
क्या है खबर?
आज (29 जनवरी) सुबह 11 बजे दिल्ली के भारत मंडपम में 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के 7वें संस्करण का आयोजन किया गया।
संबोधन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और कलाकृतियां देखीं। इसके बाद उन्होंने विद्यार्थियों से बातचीत की।
कार्यक्रम में लगभग 3,000 प्रतिभागी भौतिक रूप से उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को तनाव से दूर रहने और परीक्षा में सफलता के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं।
#1
संतानों के बीच तुलना न करें माता-पिता- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा, "जीवन में चुनौतियां होना जरूरी हैं, इनके न होने पर जीवन चेतनाहीन बन जाता है।"
उन्होंने कहा "जीवन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी होना चाहिए। कई माता-पिता द्वारा घर में 2 भाई-बहनों के बीच विक्रत प्रतिस्पर्धा का भाव बो दिया जाता है। दोनों संतानों में तुलना की जाती है। इसकी वजह से ये एक जहरीला वृक्ष बन जाता है। ये बच्चे के मन पर गलत प्रभाव डालता है। मेरा आग्रह है कि माता-पिता तुलना न करें।"
#2
लिखने का अभ्यास करें विद्यार्थी- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने माता-पिता को सलाह दी है कि बच्चे को हमेशा वही पेन दें, जो वो हमेशा उपयोग करता है। उसके कपड़े या खाने को लेकर मत टोकिए। उसे कंफर्ट फील कराइए।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, "परीक्षा केंद्र में बिल्कुल न घबराएं। पहले पूरा प्रश्नपत्र पढ़ लें, फिर तय करिए कि किस उत्तर में कितना समय जाएगा।"
उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी है कि जितना ज्यादा हो सके, लिखने का अभ्यास करें।
#3
परीक्षा से पहले थोड़ा हंसी-मजाक करें- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने छात्रों को सलाह दी कि परीक्षा शुरू होने से पहले कुछ समय हंसी-मजाक में बिताइए। परीक्षा कक्ष में किसी और चीज पर ध्यान न दें। आपके पास वाला साथी कितनी तेजी से पेपर हल कर रहा है, इस पर ध्यान देकर घबराएं नहीं। केवल खुद पर ध्यान दें।
उन्होंने बताया, "बचपन से अर्जुन और पंक्षी की आंख वाली कथा सुनते हैं, इसे अपने जीवन में भी लागू भी करें। केवल लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें।"
#4
मोबाइल का सीमित उपयोग करें- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को मोबाइल का सीमित तरह से उपयोग करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि कई लोग मोबाइल पर दिनभर रील्स देखते रहते हैं, इसकी वजह से उनका समय बर्बाद हो जाता है। नींद खराब होती है, जो पढ़ा है वो याद नहीं होता।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने पौष्टिक आहार और पर्याप्त नींद लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "जैसे हम रोज टूथब्रथ करते हैं, उसी तरह शरीर स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम भी जरूर करें।"
#5
मैं हर चुनौती को चुनौती देता हूं- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं हर चुनौती को चुनौती देता हूं। इससे मुझे नई चाजें सीखने को मिलती है। मेरे अंदर आत्मविश्वास भी है और मैं मानता हूं कि 140 करोड़ देशवासी मेरे साथ हैं।"
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने आपके लिए बहुत सुविधा कर दी है। आप अपना क्षेत्र और राह बदल सकते हैं, लेकिन किसी भी हालत में हमें निर्णायक होना जरूरी है। अपने आप पर विश्वास रखें।
#6
2 करोड़ से ज्यादा विद्यार्थियों ने कराया था पंजीकरण
आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, इस बार कार्यक्रम के लिए 2 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने पंजीकरण कराया था।
MyGov पोर्टल के अनुसार, लगभग 14 लाख से अधिक शिक्षकों और 5 लाख अभिभावकों ने आवेदन किया था।
इस बार पहली बार देश के विभिन्न हिस्सों से एकलव्य आवासीय विद्यालयों के छात्रों ने भी भाग लिया।
इस कार्यक्रम के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 12 जनवरी तक चली थी। पिछले साल कार्यक्रम के लिए रिकॉर्ड 38 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था।
#7
2018 में आयोजित हुआ था पहला संस्करण
प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा' का पहला संस्करण 16 फरवरी, 2018 को आयोजित किया गया था।
ये कार्यक्रम एग्जाम वॉरियर्स का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य किशोरों को तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना है।
ये एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके जरिए छात्रों, माता-पिता, शिक्षकों और समाज को एक साथ लाने पर जोर दिया जाता है ताकि ऐसे वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके जहां प्रत्येक बच्चा पूरी आजादी से अपने आप को व्यक्त कर सके।