M.Tech की बढ़ी हुई फीस का इन छात्रों पर नहीं होगा कोई असर, जारी रहेगी स्कॉलरशिप
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech) करने का सपना देखने वालों को बता दें कि भारत की सभी IITs में M.Tech की फीस को कई गुना बढ़ा दिया गया है। पहले छात्रों को 20,000 रुपये तक फीस का भुगतान करना होता था, लेकिन अब छात्रों को दो लाख रुपये सालाना तक फीस का भुगतान करना होगा। इस फैसले का कई छात्रों पर खराब और कई छात्रों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। आइए जानें पूरी खबर।
अगले शैक्षणिक सत्र से होगा लागू
IITs में M.Tech की फीस बढ़ने के फैसले से उन छात्रों को राहत मिलेगी, जो अभी IITs से M.Tech कर रहे हैं। क्योंकि IITs में M.Tech के लिए बढ़ी हुई फीस को अलगे शैक्षणिक सत्र से ही लागू किया जाएगा।
इन छात्रों के लिए है ये सर्जिकल स्ट्राइक
ये फैसला मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में हुई IITs काउंसिल की बैठक में लिया गया है। छात्र इसका विरोध कर रहे हैं। IIT दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव का कहना है कि अपने कर्ज चुकाने और विश्व स्तर की शिक्षा देने के लिए IITs को पैसों की जरूरत है। साथ ही उन्होंने इसको उन छात्रों पर सर्जिकल स्ट्राइक बताया, जिनकी पढ़ाई में रुचि नहीं है और वे बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं।
इस कोर्स को समझ लिया 'पार्किंग प्लेस'
राव का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से IITs से M.Tech ड्राप-आउट छात्रों की संख्या 50 फीसदी बढ़ गई है। छात्रों ने इसको एक 'पार्किंग प्लेस' समझ लिया है। राव के अनुसार जब तक छात्रों को कोई नौकरी नहीं मिलती या वे कोई प्रतियोगी परीक्षा पास नहीं कर लेते, तब कर M.Tech में प्रवेश लेते हैं और उसके बाद बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। ऐसे छात्रों के लिए करदाताओं के पैसों का गलत उपयोग नहीं कर सकते।
नहीं होगा कोई अन्य बदलाव
इसके साथ ही खबरें ये भी आ रही थीं कि M.Tech करने वालों को मिलने वाला 12,400 रुपये प्रति माह का स्टाइपेंड भी बंद करने का फैसला लिया गया है। मंत्रालय ने ये साफ कर दिया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग आदि के छात्र-छात्राओं को मिलने वाली स्कॉलरशिप और आर्थिक छूट को लेकर कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। ये पहले की तरह ही जारी रहेगा।