कोटा के कोचिंग सेंटरों में अक्टूबर तक टेस्ट पर रोक, छात्रों को दी जाएगी मानसिक सहायता
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मशहूर राजस्थान के कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। रविवार को मेडिकल परीक्षा NEET की तैयारी कर रहे 2 छात्रों ने खुदकुशी कर ली। 1 दिन में 2 छात्रों की मौत से पूरे शहर में हड़कंप मच गया। ऐसे में जिला कलेक्टर ने कोचिंग सेंटरों को अगले 2 महीनेे तक किसी भी प्रकार की परीक्षा या टेस्ट आयोजित नहीं करने के निर्देश दिए हैं।
आदेश में क्या लिखा है?
जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी आदेश में लिखा है, 'कोटा में संचालित कोचिंग सेंटरों पर प्रभावी नियंत्रण और इनमें अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से कोटा में संचालित सभी कोचिंग सेंटरों में विद्यार्थियों के समय-समय पर लिए जाने वाले टेस्ट पर आगामी 2 माह तक तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाती है।' इस आदेश के बाद अब कोचिंग सेंटर अक्टूबर तक किसी भी प्रकार के टेस्ट आयोजित नहीं कर पाएंगे।
अब तक 23 छात्र कर चुके हैं आत्महत्या
कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। रविवार को 2 छात्रों की मौत के बाद आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 23 हो गई है। अगस्त में ही कोटा में पढ़ाई कर रहे 7 विद्यार्थी खुदकुशी कर चुके हैं। मई और जून में 9 छात्रों ने खुदकुशी की थी। पिछले साल कुल 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी, लेकिन इस साल के 8 महीनों में 23 छात्र मौत को गले लगा चुके हैं।
जिला प्रशासन ने उठाए हैं अहम कदम
इससे पहले जिला प्रशासन ने सभी छात्रावासों और पेइंग गेस्ट (PG) में अनिवार्य तौर पर स्प्रिंग लोडेड पंखे लगाने का आदेश दिया था। इन पंखों को लगाने का उद्देश्य ये है कि छात्र पंखों के सहारे फांसी न लगा सकें। स्प्रिंग लोडेड पंखों पर जैसे ही भार पड़ेगा, वह नीचे आ जाएंगे और अलार्म बजने लगेगा। इसके अलावा एक दिन छात्रों के लिए विशेष मोटिवेशनल क्लास रखने के लिए भी कहा गया है।
चिंताजनक हैं आत्महत्या के आंकड़ें
कोटा में हर साल लाखों छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं, लेकिन पढ़ाई के दबाव के कारण वे आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। कोटा में छात्रों की आत्महत्या के आंकड़ें चिंताजनक हैं। राज्य अपराध रिपोर्ट के अनुसार, कोटा में साल 2018 से 2022 तक 47 छात्रों ने आत्महत्या की, इनमें 34 छात्र और 13 छात्राएं थी। 2018 में 14, 2019 में 5, 2020 में 2 और 2022 में 13 छात्रों ने आत्महत्या की थी।
परेशान हैं तो इन नंबरों पर करें संपर्क
अगर आप या आपके साथी छात्र किसी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं तो खुद को अकेला न समझें। आप समाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 1800-599-0019 या आसरा NGO के हेल्पलाइन नंबर 91-22-27546669 पर संपर्क कर मदद ले सकते हैं।