13 वर्षीय बच्ची कर रही शिक्षकों को ट्रेंड, माइक्रोसॉफ्ट के CEO ने कहा- बदल देगी दुनिया
कई बार बच्चे कुछ ऐसे कारनामे कर जाते हैं जो अच्छे-अच्छे और बड़े-बड़ों के बस की बात नहीं होती है। इस बात को 13 साल की इस बच्ची ने सही साबित कर दिखाया है। इसने बता दिया है कि अगर आपमें ज्ञान और स्क्लि हैं तो आप किसी भी उम्र में कुछ भी कर सकते हैं। इस 13 साल की बच्ची के कमाल ने माइक्रोसॉफ्ट के CEO को काफी इंप्रेस किया है। आइए जानें पूरी खबर।
शिक्षकों को ट्रेंड करती हैं नम्या
हम बात कर रहें हैं लुधियाना के स्कूल की 7वीं क्लास की छात्रा नम्या जोशी की। आपको बता दे कि नम्या क्लास लेसन्स को माइनक्राफ्ट सत्रों में बदलने में अपने शिक्षकों की मदद कर रही हैं। अब तक नम्या ने स्कूल की क्लासों में माइनक्राफ्ट, स्क्रैच, कहूट और फ्लिपग्रिड जैसे माइक्रोसॉफ्ट टूल्स का उपयोग सिखाने के लिए दुनियाभर में 100 से अधिक शिक्षकों को ट्रेंड किया है।
क्या है माइनक्राफ्ट?
माइनक्राफ्ट एक वीडियो गेम है, जिसमें प्लेयर्स अलग-अलग तरह के ब्लॉक को 3D में तोड़ सकते हैं या किसी ब्लॉक को 3D में क्रिएट कर सकते हैं। दुनियाभर में इसके 11.2 करोड़ मथंली एक्टिव यूजर्स हैं।
ये बदल देगी दुनिया- नडेला
हाल ही में भारत दौरे पर आए माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला नम्या की असाधारण प्रतिभा से काफी प्रभावित हुए थे। उन्होंने लिखा, 'मैं इस हफ्ते भारत में नये इनोवेटर से मिलकर बहुत ऊर्जावान महसूस कर रहा हूं। उनमें से एक नम्या जोशी भी शामिल हैं, जो दुनियाभर के शिक्षकों को यह सीखा रही हैं कि माइनक्राफ्ट को लर्निंग टूल के तौर पर कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। उनका जुनून और प्रतिभा दुनिया को अच्छे के लिए बदल देगी।'
माइक्रोसॉफ्ट के CEO द्वारा किया गया ट्वीट
कहां से आया ये आइडिया
दो साल पहले नम्या की मां और लुधियाना के सेंट पॉल मित्तल स्कूल की IT हेड मोनिका जोशी को माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव एजुकेटर प्रोग्राम के लिए ग्लोबली माइनक्राफ्ट मेंटर के तौर पर साइन किया था। इसके बाद एक दिन मोनिका ने नाम्या को माइनक्राफ्ट एजुकेशन एडिशन के साथ खेलते हुए देखा। इसके बाद उन्होंने उसे माइनक्राफ्ट में अपना अगला लेसन बनाने के लिए कहा। जिसके बाद उनको लगा कि स्कूल में माइनक्राफ्ट का उपयोग करना चाहिए।
जीते ये पुरस्कार
नम्या ने बताया कि फिनलैंड में शिक्षा सम्मेलन में उन्होंने शिक्षकों के लिए वर्कशॉप रखी थी। उन्होंने 2018 में राष्ट्रीय माइनक्राफ्ट प्रतियोगिता जीती और उन्हें बच्चों के लिए सतत विकास लक्ष्यों के लिए भारत के एंबेसडर के रूप में नॉमिनेट किया गया है। इसके साथ ही नम्या ने यूनेस्को क्लब 2018-19 की 'वर्ल्डवाइड यूथ मल्टीमीडिया प्रतियोगिता' में पहला पुरस्कार जीता है। अपनी स्किल से नम्या ने छोटी सी उम्र में ही अपना नाम बना लिया है।