CBSE का बड़ा फैसला, बोर्ड परीक्षाओं में नहीं दिए जाएंगे डिवीजन और डिस्टिंक्शन
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रतिशत गणना के मानदंडों में अहम बदलाव किया है। CBSE ने कहा है कि अब बोर्ड परीक्षाओं में कोई ओवरऑल डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया गया है। परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवार पोर्टल के माध्यम से इसे देख सकते हैं। बता दें कि 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में शुरू होंगी।
CBSE परीक्षा नियंत्रक ने क्या कहा?
CBSE के परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर संयम भारद्वाज ने कहा है कि अगर किसी उम्मीदवार ने 5 से अधिक विषयों के पेपर दिए हैं, तो सर्वोत्तम 5 विषयों को निर्धारित करने का निर्णय प्रवेश देने वाली संस्था कर सकती है। बोर्ड अंक प्रतिशत की गणना नहीं करता। अगर किसी उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए अंक प्रतिशत की आवश्यकता है तो संस्थान या नियोक्ताओं को खुद ही अंक प्रतिशत की गणना करनी होगी।
CBSE ने दिए निर्देश
CBSE ने आधिकारिक अधिसूचना में कहा है कि परीक्षा उपनियमों के अध्याय 7 के सब सेक्शन 40.1 (3) के अनुसार, कोई डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं दिया जाएगा। बता दें, बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों के अंक प्रतिशत गणना को लेकर कई बार सवाल उठते आए हैं। ऐसे में CBSE ने फैसला लिया है कि किसी भी प्रकार की डिवीजन गणना नहीं की जाएगी। CBSE के इस फैसले से लाखों छात्र प्रभावित होंगे।
टॉपर्स की मेरिट सूची भी जारी नहीं करता CBSE
इससे पहले CBSE आधिकारक तौर पर टॉपर्स की मेरिट सूची जारी करना भी बंद कर चुका है। CBSE का कहना है कि मेरिट सूची के कारण छात्रों के बीच अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है। जिन छात्रों का नाम मेरिट सूची में नहीं आ पाता था, वे बहुत निराश हो जाते थे। ऐसे में बोर्ड ने अब मेरिट सूची जारी नहीं करता। नए नियम लागू होने के बाद केवल विद्यार्थियों द्वारा हासिल किए गए अंक की जानकारी साझा की जाएगी।
जल्द जारी होगी डेटशीट
CBSE द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना के मुताबिक, 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी, 2024 से शुरू होंगी और अप्रैल तक चलेंगी। हालांकि, अभी तक बोर्ड ने परीक्षाओं की डेटशीट जारी नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बोर्ड जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी करेगा। ऐसे में उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें। इससे पहले स्कूलों द्वारा बोर्ड परीक्षा पत्र भरने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।