कोरोना वायरस: CBSE ने बोर्ड परीक्षा में छात्रों को मास्क और सैनिटाइज़र लाने की दी अनुमति
देश में 29 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के कारण सभी में इसको लेकर डर फैल गया है। सभी इस वायरस से बचने के लिए कई उपाय कर रहे हैं। वहीं छात्रों में भी इसका डर है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने इसको मद्देनजर रखते हुए बोर्ड परीक्षा 2020 में शामिल होने छात्रों को मास्क लगाने और सैनिटाइज़र लाने की अनुमति दे दी है। आइए जानें क्या है पूरी खबर।
यहां से हुई इस वायरस की शुरूआत
कोरोना वायरस (COVID-19) चीन के वुहान से शुरू हुआ था और अब ये दुनिया के 65 से ज्यादा देशों में फैल गया है।दुनिया में 90,000 से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं और 3,000 से ज्यादा लोग इसके कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।
बोर्ड ने जारी किया ये बयान
बोर्ड ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा है कि बोर्ड को परीक्षा केंद्रों पर छात्रों और उनके अभिभावकों द्वारा कोरोना वायरस के चलते फेस मास्क और सैनिटाइज़र ले जाने को लेकर अनुमति देने के संबंध में कई पूछताछ मिल रही हैं। इसको ही मद्देनजर रखते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा केंद्रों में छात्रों द्वारा फेस मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग किया जा सकता है।
स्कूलों के लिए जारी किए ये निर्देश
बोर्ड ने स्कूलों से बच्चों को बार-बार हाथ धोने, खांसी/छींकते समय मुंह पर रूमाल रखने, टिशू पेपर का उपयोग करने के लिए कहा है। इस बीच CBSE के वरिष्ठ अधिकारियों ने बोर्ड परीक्षाओं में कोई भी देरी करने से इनकार कर दिया है। अब परीक्षा में देरी की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक उन्हें न तो स्वास्थ्य मंत्रालय या HRD मंत्रालय से कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है परीक्षाएं तय समय पर होंगी।
आम जनता में जागरूकता फैलाना है जरुरी
मानव संसाधन और विकास (HRD) मंत्रालय ने राज्य अधिकारियों को कोरोना वायरस के खिलाफ अधिक जागरूकता फैलाने के लिए भी कहा है। मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन कोरोना वायरस के प्रसारण को रोकने और कम करने के लिए आम जनता में जागरूकता पैदा करना बेहद जरूरी है।
क्या है कोरोना वायरस और कैसे करें इससे बचाव?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस एक वायरस परिवार है। इससे पीड़ित होने पर जुकाम, सांस लेने में परेशानी और किडनी फेल होने से मौत तक हो सकती है। पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने पर दूसरा व्यक्ति इससे संक्रमित हो जाता है। इससे बचने के लिए समय-समय पर हाथ धोने चाहिए। सेनेटाइजर का उपयोग करना चाहिए। खांसते समय रुमाल आदि से अपना मुहं कवर करना चाहिए और बार-बार आंख, नाक और मुंह को हाथ नहीं लगाना चाहिए।