12वीं के बाद माइक्रोबायोलॉजी में बनाएं करियर, संवारें अपना भविष्य
जब आप 12वीं कर लेते हैं, तो आपके मन में भविष्य को लेकर कई सवाल होते हैं। आप सोचते हैं कि आप अपने भविष्य के लिए किस क्षेत्र का विकल्प चुनें। साइंस (बायोलॉजी) से 12वीं करने के बाद छात्रों के मन में सबसे पहले MBBS करने का विकल्प आता है, लेकिन इसकी प्रवेश परीक्षा को पास करना आसान नहीं हैं। इसलिए हम आज के इस लेख में इसके अलावा माइक्रोबायोलॉजी में करियर के बारे में बताएंगे।
क्या है माइक्रोबायोलॉजी, किस पद पर करेंगे काम
माइक्रोबायोलॉजी सूक्ष्म जीवों का अध्ययन है और माइक्रोबायोलॉजिस्ट वे लोग होते हैं, जो माइक्रोबॉयोलोजी के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। ये वैज्ञानिक उन जीवों और संक्रामक एजेंटों का अध्ययन करते हैं, जिन्हें नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है। वे हमारे जीवन को प्रभावित मनुष्यों और अन्य जीवों के साथ सूक्ष्मजीवों की बातचीत का अध्ययन करते हैं। आप रिसर्च असिस्टेंट, फूड, इंडस्ट्रीयल या इंवायरमेंटल माइक्रोबायोलॉजिस्ट, मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट और रिसर्च साइंस (जीवन विज्ञान) आदि पद पर कार्य कर सकते हैं।
माइक्रोबायोलॉजी में स्नातक
अगर आप 12वीं (बायोलॉजी) के बाद कुछ अलग करना चाहते हैं, तो आप माइक्रोबायोलॉजी में स्नातक कर सकते हैं। इसके साथ-साथ आप बैचलर साइंस इन एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी, बैचलर साइंस इन इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी, बैचलर साइंस इन फूड टेक्नॉलॉजी और बैचलर साइंस इन क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी कर सकते हैं। इतना हा नहीं आप इन में मास्टर डिग्री और विशेषज्ञता भी कर सकते हैं। आप माइक्रोबायोलॉजी को चुनकर एक सुनहरा और अच्छा भविष्य बना सकते हैं।
क्या होनी चाहिए पात्रता
माइक्रोबायोलॉजी में मास्टर करने के लिए आपको माइक्रोबायोलॉजी में स्नातक करना आवश्यक है। वहीं माइक्रोबायोलॉजी में स्नाकर करने के लिए PCB (फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी) विषयों के साथ अपनी 12वीं पास होना आवश्यक है। कुछ कॉलेज प्रवेश के लिए PCB विषयों में 50% नंबर मांगते हैं। इस क्षेत्र में करियर का स्कोप समय के साथ-साथ लगातार बढ़ रहा है। नेटवर्किंग इस डोमेन में एक सफल करियर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस क्षेत्र में कर सकते हैं काम
माइक्रोबायोलॉजी में स्नातक की डिग्री प्राप्त करके आपको साइंस प्रयोगशालाओं और पैथोलॉजी लैब में काम करने का अवसर प्राप्त होंगे। यदि आपके पास माइक्रोबायोलॉजी में मास्टर डिग्री है, तो आप फार्मेसी, डेयरी, ब्रुअरीज, डिस्टिलरीज, एंजाइम आदि जैसे माइक्रोबायोलॉजी आधारित उद्योगों में काम कर सकते हैं । वहीं अगर आप PHD कर लेते हैं, तो विश्वविद्यालयों और PG कॉलेजों में शिक्षण का कार्य कर सकते हैं। साथ ही आप पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च भी कर सकते हैं।
इन कॉलेजों में ले प्रवेश
भारत में कई कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं, जो माइक्रोबायोलॉजी में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन आदि कार्यक्रम प्रदान करते हैं, लेकिन एक अच्छे करियर और भविष्य के लिए एक अच्छ कॉलेज या विश्वविद्यालय से पढ़ाई करना बहुत जरूरी है। आप ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) दिल्ली, ईसाई चिकित्सा कॉलेज (CMC) वेल्लोर, आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज (AFMC) पूणे, कस्तूरबा चिकित्सा कॉलेज (KMC) मंगलौर, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) नई दिल्ली आदि में प्रवेश ले सकते हैं।