
जेप्टो अब 2026 में लॉन्च करेगी IPO, जानिए क्या है देरी की वजह
क्या है खबर?
क्विक कॉमर्स दिग्गज कंपनी जेप्टो अब 1 साल की देरी से अपना IPO लॉन्च करेगी।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अब 2026 में शेयर बाजार में उतरने की तैयारी कर रही है।
जेप्टो के CEO आदित पालिचा ने पहले 2025 में IPO लाने की बात कही थी, लेकिन अब कंपनी लाभप्रदता बढ़ाने और नकद खर्च को कम करने पर ध्यान दे रही है।
इसके चलते IPO की योजना फिलहाल टाल दी गई है।
वजह
घाटे और लागत का दबाव
रिपोर्ट के अनुसार, जेप्टो को भारी खर्च और राजस्व लक्ष्यों में कमी का सामना करना पड़ा है।
कंपनी हर महीने करीब 100 करोड़ रुपये वेतन में खर्च कर रही है, जबकि प्रतिस्पर्धी कंपनियों के मुकाबले उसके कर्मचारी कम हैं।
साथ ही जेप्टो कैफे ने कई जगह सेवाएं रोक दी हैं और कुछ स्थानों पर कानूनी और ऑपरेशनल दिक्कतें भी चल रही हैं। इसके कारण निवेशकों का भरोसा कम हुआ है और कंपनी फिलहाल IPO से दूरी बनाए रखना चाहती है।
अन्य वजह
प्रतिस्पर्धियों का असर और मूल्यांकन
जेप्टो के IPO में देरी का एक कारण यह भी है कि उसके प्रतिस्पर्धियों जैसे स्विगी और इटरनल के प्रदर्शन का असर जेप्टो के संभावित मूल्यांकन पर पड़ रहा है।
स्विगी के शेयरों में 38 प्रतिशत की गिरावट और इटरनल के शेयरों में बढ़त ने जेप्टो को सतर्क कर दिया है।
जेप्टो का मानना है कि अगर बाजार में स्थितियां बेहतर हुईं और वह लाभ में पहुंची, तभी उसे अच्छा मूल्यांकन मिलेगा और निवेशक अधिक भरोसा दिखाएंगे।
योजना
नया फंडिंग राउंड और विदेशी निवेश
IPO को टालने के बावजूद जेप्टो ने अमेरिकी निवेशकों से फंडिंग जुटाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
कंपनी 70 करोड़ डॉलर (लगभग 6,000 करोड़ रुपये) तक जुटाने की कोशिश कर रही है और एवेनिर ग्रोथ और जनरल कैटालिस्ट से टर्म शीट मिल चुकी है।
अगर यह फंडिंग सफल होती है, तो कंपनी को मार्केट में टिकने और प्रतिस्पर्धियों से मुकाबला करने की ताकत मिलेगी। हालांकि, इससे विदेशी स्वामित्व बढ़ने की भी संभावना है।