विंजो की सह-संस्थापक सौम्या राठौर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मिली जमानत
क्या है खबर?
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म विंजो की सह-संस्थापक सौम्या राठौर को आज (30 दिसंबर) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल गई है, जिससे उन्हें बड़ी कानूनी राहत मिली है। हालांकि, बेंगलुरु की अदालत ने इसी मामले में कंपनी के दूसरे सह-संस्थापक पवन नंदा को जमानत देने से इनकार कर दिया है। यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में है, जो काफी समय से इस केस की गहन पड़ताल कर रही है।
मामला
ED के आरोप और गिरफ्तारी का मामला
ED ने 26 नवंबर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दोनों संस्थापकों को गिरफ्तार किया था। ED का आरोप है कि विंजो और उसके प्रमोटर्स ने फंड डायवर्जन किया और गलत तरीकों से करीब 177 करोड़ रुपये की कमाई की है। एजेंसी का कहना है कि प्लेटफॉर्म पर कथित तौर पर तकनीकी हेरफेर किया गया, जिससे गैरकानूनी तरीके से बड़ी रकम जुटाई गई और बाद में उसे अलग-अलग माध्यमों और खातों के जरिए घुमाया गया।
जांच
कोर्ट का रुख और आगे की जांच
अदालत ने सौम्या राठौर को जमानत देते समय PMLA की धारा 45 के तहत महिलाओं को मिलने वाली विशेष कानूनी सुरक्षा का हवाला दिया। कोर्ट ने माना कि इस स्तर पर उन्हें राहत दी जा सकती है। वहीं, पवन नंदा की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी गई कि जांच अभी जारी है और हिरासत की जरूरत बनी हुई है। ED ने कई शहरों में छापेमारी कर कुछ संपत्तियों को फ्रीज करने की कार्रवाई भी की है।