इंडिगो की उड़ान रुकावट से भारत के पर्यटन पर क्यों मंडराता दिख रहा खतरा?
क्या है खबर?
दिग्गज एयरलाइन कंपनी इंडिगो लगातार बड़े स्तर पर अपनी उड़ानें रद्द कर रही है, जिससे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के बीच भारत की छवि पर असर पड़ने का खतरा बढ़ गया है। यह परेशानी ऐसे समय सामने आई है जब सर्दियों का सबसे व्यस्त पर्यटन सीजन चल रहा है। इसी दौरान थाईलैंड और वियतनाम जैसे एशियाई देश विदेशी सैलानियों को तेजी से अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। ऐसे में भारत को सीधी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
बुकिंग
पर्यटकों की बुकिंग पर सीधा असर
इंडिगो की उड़ान रुकावटों का सीधा असर भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की बुकिंग पर दिखने लगा है। कई ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में भारत के लिए पूछताछ और एडवांस बुकिंग दोनों में साफ कमी आई है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त, 2025 तक 56 लाख विदेशी सैलानी भारत आए, जबकि पिछले साल इसी समय यह संख्या 63 लाख थी, जो गिरावट दिखाती है।
भरोसा
सीजन के वक्त बिगड़ा यात्रा भरोसा
सर्दियों का समय भारत में सबसे ज्यादा विदेशी टूरिस्ट आने का होता है, लेकिन उड़ानों की अनिश्चितता से यात्रियों का भरोसा कमजोर हो रहा है। लगातार फ्लाइट कैंसिल होने से लोग अपनी योजनाएं टाल रहे हैं या दूसरे देशों का रुख कर रहे हैं। ऐसे में थाईलैंड और वियतनाम जैसे देश भारत से आगे निकलते दिख रहे हैं। अगर हालात जल्दी नहीं सुधरे, तो आने वाले महीनों में भारत को बड़ा पर्यटन नुकसान हो सकता है।
मौसम
सुरक्षा और मौसम ने बढ़ाई मुश्किल
पर्यटन पर असर डालने वाली दूसरी वजहों में सुरक्षा और मौसम से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं। इस साल की शुरुआत में पहलगाम में आतंकी हमला, पाकिस्तान से तनाव और मिडिल ईस्ट में बढ़ती अनिश्चितता ने विदेशी यात्रियों को चिंतित किया। इसके अलावा, नवंबर में दिल्ली में धमाके के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी की। लंबे मानसून के कारण बाढ़ और भूस्खलन ने भी हालात और खराब किए।
प्रतिस्पर्धा
प्रचार की कमी और कड़ी प्रतिस्पर्धा
भारत को थाईलैंड, मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और दुबई जैसे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है, जहां बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी पहुंच रहे हैं। इन देशों की मजबूत अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग भी उन्हें आगे बढ़ा रही है। दूसरी ओर भारत का विदेशों में प्रचार बजट लगातार घटाया गया है। वित्तीय वर्ष 25 में 33 करोड़ रुपये का बजट वित्तीय वर्ष 26 में घटकर सिर्फ 3 करोड़ रुपये रह गया, जिससे भारत की मौजूदगी कमजोर पड़ रही है।