विस्तारा आज भरेगी अपनी अंतिम उड़ान, एयर इंडिया में होगा विलय
एयरलाइन कंपनी विस्तारा 9 साल के अस्तित्व के बाद आज (11 नवंबर) अपनी अंतिम उड़ान भरेगी। यह सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा संस का संयुक्त उद्यम था, जो अब एयर इंडिया में विलय हो जाएगा। इसके बाद एयर इंडिया का नेटवर्क और बेड़ा बड़ा होगा। विस्तारा के सभी संचालन, जैसे हेल्पडेस्क और टिकटिंग, एयर इंडिया को सौंपे जाएंगे। यह बड़ा विलय दोनों एयरलाइनों के लिए बेहतर सेवाएं और सुविधाएं लाएगा, जिससे यात्रियों को फायदा होगा।
बुकिंग को भी किया जा रहा ट्रांसफर
विस्तारा के मौजूदा बुकिंग और लॉयल्टी प्रोग्राम के यात्रियों को एयर इंडिया में स्थानांतरित किया जा रहा है। एयर इंडिया ने कहा कि विलय के बाद भोजन, सेवा और अन्य सुविधाओं को बेहतर किया गया है। टाटा ने आश्वासन दिया कि विस्तारा का इन-फ्लाइट अनुभव अपरिवर्तित रहेगा। हालांकि, विश्लेषकों ने विलय को आलोचना की है, क्योंकि वे मानते हैं कि यह घाटे को खत्म करने के लिए नहीं, बल्कि एयरलाइन को मजबूत बनाने के लिए किया गया है।
विस्तारा और एयर इंडिया विलय में समस्याएं
विस्तारा और एयर इंडिया का विलय पायलट की कमी और उड़ान रद्द होने की स्थिति जैसे कई समस्याओं का सामना कर रहा है। कर्मचारियों की सामूहिक छुट्टियों और सेवा मानकों में गिरावट की शिकायतें भी मिल रही हैं। टाटा ने विमानों के अंदरूनी हिस्सों को सुधारने के लिए 40 करोड़ (लगभग 33.75 अरब रुपये) खर्च करने का ऐलान किया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव अभी अधूरा है और यह विमानन उद्योग के लिए बड़ा नुकसान है।
विलय को लेकर क्या हैं चुनौतियां?
एविएशन विशेषज्ञ अजय अवतानी के अनुसार, विस्तारा और एयर इंडिया का विलय एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। विस्तारा के कर्मचारियों को एयर इंडिया की नौकरशाही से जूझना पड़ेगा। यह विलय एयर इंडिया को इंडिगो जैसी प्रतिस्पर्धी एयरलाइन से मुकाबला करने में मदद कर सकता है, लेकिन कई वफादार यात्रियों के लिए, विस्तारा का बंद होना प्रीमियम सेवाओं के लिए एक खालीपन पैदा करेगा। यह देखना होगा कि एयर इंडिया इस चुनौती को कैसे संभालती है।