अमेजन पर 31 मई से इन सामानों को खरीदना होगा महंगा, जानें वजह
आज की तारीख में कई लोग छोटे से लेकर बड़ा सामान और टीवी, कंप्यूटर से लेकर ग्रॉसरी, फल, सब्जियां तक ऑनलाइन मंगा रहे हैं। ऑनलाइन शॉपिंग लोगों को सस्ती पड़ती है और यहां कई तरह के बैंक ऑफर्स भी मिल जाते हैं। यही वजह है कि अमेजन, फ्लिकार्ट जैसे कई अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म काफी लोकप्रिय भी हुए। हालांकि, अब अमेजन पर खरीदारी करना थोड़ा महंगा पड़ सकता है। जान लेते हैं किस कैटेगरी का सामान खरीदना महंगा पड़ सकता है।
इस कैटेगरी के सामान हो सकते हैं महंगे
अमेजन अपने सेल्स चार्ज और कमीशन को बढ़ाने की तैयारी में है। ET की रिपोर्ट के अनुसार, ये नए चार्ज 31 मई से लागू हो जाएंगे। कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स और कॉस्मेटिक कैटेगरी के प्रोडक्ट्स से साथ ही कपड़े, किराने के सामान और दवाओं पर सेलर चार्ज बढ़ाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी प्रोडक्ट की वापसी के चार्ज भी बढ़ाएगी। अमेजन द्वारा बढ़ाए जाने वाले चार्ज का असर ग्राहकों पर पड़ सकता है।
इन प्रोडक्ट्स के घट सकते हैं दाम
कंपनी ने 500 या इससे कम के प्रोडक्ट्स के लिए सेलर चार्ज 15 प्रतिशत तय किया है। हालांकि, अमेजन ने दीवाल पेंट्स, टूल्स, इंवर्टर, बैटरी आदि कुछ कैटेगरी का सेलर चार्ज घटाया भी है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक सेलर ने कहा कि यदि कमीशन 2 प्रतिशत बढ़ता है तो कीमतें भी 2 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। इस मामले में अमेजन ने कथित तौर पर कहा कि बाजार की स्थितियों के आधार पर दरें बदलती रहती हैं।
मंदी के दौर में अमेजन ने बढ़ाया सेलर चार्ज
अमेजन ने रेफरल फीस, लॉन्ग-टर्म स्टोरेज फीस, रिटर्न से संबंधित रिफंड और सेलर्स के लिए फुलफिल्ड-बाय-अमेजन (FBA) पिक-अप फीस में बदलाव किया है। अमेजन ने उन प्रोडक्ट्स के लिए शिपिंग चार्ज में लगभग 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि की है जिनकी शिपिंग राष्ट्रीय स्तर पर होनी है। सेलर चार्ज में अमेजन ने ऐसे समय वृद्धि की जब विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियां वैश्विक स्तर पर मांग की कमी के चलते व्यवसायों में मंदी देख रही हैं।
कमीशन और फीस के तौर पर पैसे कमाती हैं ई-कॉमर्स कंपनियां
अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां मार्केटप्लेस के जरिए बेचे जाने वाले प्रोडक्ट्स के लिए विक्रेताओं से कमीशन और फीस के तौर पर पैसा कमाती हैं। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि इनका सिर्फ प्लेटफॉर्म होता है और उसके जरिए सेलर सामान बेचते हैं। बदले में ये कंपनियां सेलर से कमीशन लेती हैं। विक्रेता या सेलर बाजार में प्रत्येक प्रोडक्ट के लिए इंवेंट्री स्टोरेज, शिपिंग और रिटर्न के लिए चार्ज का भुगतान करते हैं।