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बैंक खाता बंद कराते समय देने पड़ सकते हैं ये शुल्क, जानिए परेशानी से कैसे बचें 
बैंक खाता बंद कराते समय कई शुल्क लिए जा सकते हैं

बैंक खाता बंद कराते समय देने पड़ सकते हैं ये शुल्क, जानिए परेशानी से कैसे बचें 

Dec 25, 2025
11:28 am

क्या है खबर?

बैंक खाता बंद कराना काफी आसान लगता है। इसके लिए आपको फॉर्म भरना होता है और बैंक बकाया राशि आपको देकर अकाउंट बंद कर देता है। झटका तब लगता है, जब बैंक आपसे शुल्क मांगती है। यह समस्या उस वक्त आती है, जब खाता निष्क्रिय हो या उसमें पर्याप्त बैलेंस न हो। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के तहत बैंकों को कुछ शुल्क लगाने की अनुमति है। आइये जानते हैं अकाउंट बंद करवाते समय क्या-क्या शुल्क लिए जाते हैं।

न्यूनतम बैलेंस 

न्यूनतम बैलेंस नहीं हुआ तो देना पड़ेगा शुल्क

न्यूनतम बैलेंस पेनल्टी: अगर, आपके अकाउंट में अपेक्षित औसत मासिक बैलेंस नहीं है तो आपको बकाया नॉन-मेंटेनेंस शुल्क देना पड़ सकता है। यह शुल्क आमतौर पर खाता बंद होने से पहले काटा जाता है। खाता नेगेटिव तो नहीं: आप जिन खातों का उपयोग नहीं करते हैं, उनमें कई शुल्क चुपचाप कटते रहते हैं। जुर्माने या सर्विस शुल्क के कारण आपका बैलेंस नेगेटिव हो गया है तो खाता बंद करने से पहले आपको बकाया राशि का भुगतान करना होगा।

वार्षिक शुल्क 

सेवाओं के बदले देना पड़ता है शुल्क

डेबिट कार्ड या वार्षिक शुल्क: भले ही आपने महीनों से अपने डेबिट कार्ड का उपयोग न किया हो, फिर भी वार्षिक शुल्क लागू होता है। कुछ बैंक SMS अलर्ट, पुरानी चेकबुक के अनुरोध या अतिरिक्त सेवाओं के लिए भी शुल्क लेते हैं। खाता बंद करने पर बैंक शेष राशि से बकाया शुल्क काट लेगा। खाता बंद करने पर शुल्क: कुछ बैंक 6-12 महीने बाद चालू खाता बंद करने पर शुल्क लेती हैं। इसकी राशि अलग-अलग होती है।

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बचाव 

इस तरह से परेशानी से होगा बचाव 

खाता बंद करने से पहले पिछले 3 स्टेटमेंट डाउनलोड करें और बकाया राशि का भुगतान करने के साथ ऑटो-डेबिट को किसी अन्य अकाउंट में ट्रांसफर करना जरूरी होता है। इसके अलावा बैंक से सभी लंबित शुल्कों की सूची मांगें और इनका भुगतान कर दें। इस प्रक्रिया में ज्यादा समय नहीं लगता है। इससे आपको बाद में अनावश्यक कटौतियों से बच सकते हैं। सब कुछ व्यवस्थित हो जाने के बाद आप बिना किसी अस्पष्ट शुल्क के खाता बंद कर सकते हैं।

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