
हैदराबाद में ओला-उबर-रैपिडो कैब चालक AC चलाने से मना क्यों कर रहे हैं? जानिए पूरा मामला
क्या है खबर?
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में ऐप-आधारित कैब सेवा देने वाले ओला-उबर और रैपिडो चालकों ने सोमवार से यात्रा के दौरान AC न चलाने का ऐलान किया है।
हैदराबाद में चालक पहले से ही हवाई अड्डे से यात्रियों का बहिष्कार कर रहे हैं, अब उनकी लड़ाई कंपनियों के किराया तय करने की नीति से है।
चालकों ने अपनी सीट के पीछे इसके बड़े-बड़े पर्चे चस्पा किए हैं और "नो AC अभियान" के बारे में बताया है।
आइए, जानते हैं पूरा मामला।
विवाद
सबसे पहले जानिए कैब चालकों का क्या कहना है?
तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) ने मांग की कि राइड-हेलिंग कंपनियां एक समान किराया संरचना लागू करें, जिसमें ईंधन लागत, रखरखाव और चालकों का मुआवज़ा शामिल हो।
संगठन के पर्चों पर लिखा है, "प्रिय ग्राहकों, हम ओला, उबर और रैपिडो कैब चालक मौजूदा किराया ढांचा और प्रति किलोमीटर किराया कम होने के कारण वाहन में AC चलाने में असमर्थ हैं। AC चलाने में खर्च 16-18 रुपये प्रतिकिलोमीटर होता है, जबकि कंपनियां 10-12 रुपये प्रति किलोमीटर कमीशन देती हैं।"
मांग
सरकार से हस्तक्षेप की मांग
कैब चालकों के संगठन ने मांग की है कि जब तक सरकार किराए बदलने को लेकर कैब कंपनियों से चर्चा नहीं करती है, तब तक कैब चालक वाहनों में AC नहीं चलाएंगे।
उन्होंने ग्राहकों से भी मांग की है कि वे इस मामले को समझें और उनका सहयोग करें और अगर ग्राहक चाहता है कि वाहन में AC चलाई जाए तो उन्हें लागत कम करने के लिए टिप के तौर पर कुछ आर्थिक मदद करनी चाहिए।
अभियान
पहले भी चालक चला चुके हैं अभियान, संसद में उठा था मामला
पिछले साल भी कैब चालकों ने ऐसा अभियान चलाया था। तब भी चालकों का यही तर्क था। कैब चालक संगठन के अध्यक्ष शेख सलाहुद्दीन ने का कहना है कि टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर्स और प्रीपेड टैक्सियों के किराए में 300-400 रुपए तक का अंतर है।
बता दें, इससे पहले ओला और उबर कंपनियों पर एंड्राइड और आईफोन उपयोगकर्ताओं से अलग-अलग किराया लेने का आरोप लगा था और गैर-कानूनी बताया गया।
यह मामला संसद में उठा था, जिसके बाद जांच शुरू हुई।
जानकारी
कैब चालकों ने हवाई अड्डा के यात्रियों का क्यों किया बहिष्कार?
हैदराबाद में कैब चालकों ने राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के यात्रियों का भी बहिष्कार किया है। चालकों का कहना है कि हवाई अड्डे तक यात्रा के बाद वापसी के लिए यात्री नहीं मिलते, जिससे वे 3-4 घंटे इंतजार करते हैं या खाली लौटते हैं।