TCS के खिलाफ पूर्व कर्मचारियों ने किया मुकदमा, अमेरिकी वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप
क्या है खबर?
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के पूर्व कर्मचारी अनिल किनी ने आरोप लगाया है कि TCS ने अमेरिकी वीजा नियमों का उल्लंघन किया।
उनका दावा है कि कंपनी ने फ्रंटलाइन कर्मचारियों को मैनेजर बताकर L-1A वीजा दिलाया, जिससे H-1B वीजा की शर्तों से बचा जा सके। यह प्रथा 2017 में शुरू हुई, जब वीजा नियम कड़े किए गए थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें चार्ट में बदलाव करने और कर्मचारियों को गलत तरीके से अलग करने के लिए कहा गया था।
आरोप
TCS के वीजा उपयोग पर सवाल
अनिल और 2 अन्य पूर्व कर्मचारियों ने संघीय अदालत में मामला दायर किया, लेकिन यह खारिज कर दिया गया। इस मामले को लेकर उन्होंने फिर से अपील की है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2023 के बीच TCS को 6,500 से ज्यादा L-1A वीजा मिले, जो अन्य 6 कंपनियों की कुल संख्या से अधिक हैं।
इसके बावजूद, TCS ने अमेरिकी ऑपरेशनों में सामान्य से कम मैनेजरों के बारे में सूचना दी, जिससे संदेह बढ़ा है।
प्रतिक्रिया
TCS ने आरोपों को नकारा
TCS ने सभी आरोपों का खंडन किया है। कंपनी का कहना है कि वह अमेरिकी कानूनों का पालन करती है और अदालतें पहले ही इन दावों को खारिज कर चुकी हैं।
TCS ने कहा कि वह चल रहे मुकदमे पर टिप्पणी नहीं कर सकती, लेकिन इन आरोपों को पूरी तरह गलत मानती है।
मामले को लेकर अभी कानूनी प्रक्रिया जारी है और यह देखा जाना बाकी है कि आगे क्या फैसला आता है।