
H-1B वीजा पर सख्ती के कारण टाटा टेक्नोलॉजीज अमेरिका में बढ़ाएगी स्थानीय नियुक्तियां
क्या है खबर?
अमेरिकी सरकार द्वारा H-1B वीजा शुल्क में की गई बढ़ोतरी का असर अब कंपनियों में कर्मचारियों की नियुक्ति पर दिखने लगा है। टाटा टेक्नोलॉजीज के CEO वॉरेन हैरिस ने कहा कि कंपनी अमेरिका में और अधिक स्थानीय नागरिकों को भर्ती करेगी। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू नए वीजा नियमों और शुल्क पर प्रतिक्रिया है। कंपनी का उद्देश्य विदेशी कर्मचारियों पर निर्भरता कम करना और स्थानीय रोजगार बढ़ाना है।
असर
H-1B वीजा और भारतीय कर्मचारियों पर असर
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल H-1B वीजा लाभार्थियों में से लगभग तीन-चौथाई भारतीय थे। टाटा टेक्नोलॉजीज के पास दुनिया भर में 12,000 से अधिक कर्मचारी हैं, जिसमें अमेरिका में भी बड़ी संख्या शामिल है। 2024-25 में कंपनी के कुल 51.68 अरब रुपये के राजस्व का लगभग पांचवां हिस्सा अमेरिका से आया। नए नियमों और शुल्क से अमेरिकी संचालन में बदलाव आ सकता है, जिससे स्थानीय भर्ती की आवश्यकता और बढ़ गई है।
रोजगार
स्थानीय नागरिकों को रोजगार और अमेरिकी बाजार
टाटा टेक्नोलॉजीज पहले से ही चीन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम (UK) और अमेरिका में 70 प्रतिशत से अधिक स्थानीय नागरिकों को रोजगार देती रही है। कंपनी ऑटोमोटिव ग्राहकों के लिए अभी तक आउटसोर्सिंग सेवाओं पर निर्भर है। अमेरिकी टैरिफ में बदलाव और नियमों से कंपनियों पर दबाव बढ़ा है। इसके बावजूद, टाटा टेक्नोलॉजीज अमेरिका के बाजार को महत्वपूर्ण मानती है और अगले 6-9 महीनों में तेजी की उम्मीद कर रही है।