स्विगी लाई 0 प्रतिशत कमीशन की स्कीम, नए रेस्टोरेंट पार्टनर्स को होगी बचत
क्या है खबर?
ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने देशभर में नए रेस्टोरेंट पार्टनर्स के लिए 'स्विगी लॉन्चपैड' नाम से एक नई पहल की घोषणा की है। इसके तहत स्विगी पहले महीने रेस्टोरेंट पार्टनर्स से कोई कमीशन नहीं लेगी।
स्विगी की इस नई पहल के बारे में माना जा रहा है कि इसके जरिए कंपनी रेस्टोरेंट पार्टनर्स को प्रोत्साहित करना चाहती है और अपने ऑनलाइन डिलीवरी चैनल से अधिक से अधिक रेस्टोरेंट को जोड़ना चाह रही है।
कमीशन
20,000 रुपये तक बचा सकते हैं रेस्टोरेंट पार्टनर्स
स्विगी के फूड मार्केटप्लेस के CEO रोहित कपूर ने एक बयान में कहा, "हम आशा करते हैं कि पहले एक महीने के लिए 0 प्रतिशत कमीशन के साथ अधिक रेस्टोरेंट, क्लाउड किचन और अन्य ऑनलाइन फूड डिलीवरी वाले पार्टनर का हमारे ऊपर विश्वास बढ़ेगा और वो इसका लाभ उठाएंगे।"
कंपनी ने कहा कि इस पहल के जरिए रेस्टोरेंट पार्टनर संभावित रूप से कमीशन और अन्य लाभ को मिलाकर 20,000 रुपये तक बचत कर सकते हैं।
बिजनेस
बचत के पैसों से बिजनेस बढ़ाने का मौका
स्विगी ने यह भी कहा कि 0 प्रतिशत कमीशन की वजह से रेस्टोरेंट पार्टनर को जो बचत होगी उस पैसे को वो अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
'स्विगी लॉन्चपैड' अपने रेस्टोरेंट पार्टनर ईकोसिस्टम के साथ ऐसे संबंध स्थापित करना चाह रही है, जिससे दोनों को फायदा हो।
स्विगी के प्लेटफॉर्म पर औसतन 2.5 लाख से ज्यादा एक्टिव रेस्टोरेंट पार्टनर हैं। इसके अलावा हर महीने लगभग 10,000 नए रेस्टोरेंट ऑनबोर्ड होते हैं।
डिलीवरी
रेस्टोरेंट या डिलीवरी पार्टनर बनकर स्विगी से कर सकते हैं कमाई
स्विगी एक ऐसा ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म है, जिससे, आप रेस्टोरेंट पार्टनर, डिलीवरी पार्टनर बनकर अपना व्यवसाय कर सकते हैं।
रेस्टोरेंट पार्टनर में आपको खाना, नाश्ता तैयार करना होता है और इसे स्विगी के डिलीवरी पार्टनर ग्राहकों तक पहुंचाते हैं।
यदि आप स्विगी के डिलीवरी पार्टनर बनते हैं तो आपको स्विगी से रजिस्टर्ड रेस्टोरेंट में तैयार भोजन को स्विगी के ग्राहकों तक पहुंचाना होगा।
स्विगी अपनी कमाई का कुछ हिस्सा रेस्टोरेंट और डिलीवरी पार्टनर के साथ शेयर करती है।
स्विगी
कैसे काम करती है स्विगी?
स्विगी के अलावा भारत में जोमैटो भी एक फेमस फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म है। इसके अलावा फूडपांडा, उबर ईट्स जैसे फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म भी आए, लेकिन नहीं टिक पाए।
फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म उसी तर्ज पर काम करते हैं, जैसे कैब सर्विस प्रोवाइडर हैं। इनकी खुद की एक भी कार नहीं होती, लेकिन लाखों कार के जरिए ये पूरे देश में कैब सर्विस देते हैं। इसी तरह स्विगी के अपने रेस्टोरेंट नहीं होते। इनका सिर्फ प्लेटफॉर्म होता है।