
रूसी तेल बंद किया तो भारत को होगा बड़ा नुकसान, विश्लेषकों ने किया दावा
क्या है खबर?
अमेरिका की ओर से अतिरिक्त टैरिफ और जुर्माना लगाने की धमकी के कारण भारत को रूसी कच्चे तेल से दूरी बनानी पड़ सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा होता है तो भारत का वार्षिक तेल आयात बिल 9-11 अरब डॉलर (करीब 784-959 अरब रुपये) तक बढ़ सकता है। यूरोपीय संघ (EU) की ओर से रूस के कच्चे तेल से बने परिष्कृत उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के बाद यह भारतीय रिफाइनरों के लिए दोहरी मार साबित होगा।
फायदा
किफायती रूसी तेल से भारत को हुआ फायदा
दुनिया के तीसरे बड़े तेल उपभोक्ता और आयातक भारत पहले रूसी से 0.2 प्रतिशत से कम तेल आयात करता था। अब यह देश के कच्चे तेल की खपत का 35-40 प्रतिशत हो गया है। इससे समग्र ऊर्जा आयात लागत को कम करने, खुदरा ईंधन की कीमतों को नियंत्रण में रखने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिली है। रियायती रूसी तेल ने भारत को तेल को परिष्कृत करने और पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करने में भी सक्षम बनाया है।
धमकी
क्या है अमेरिका की धमकी?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने रूसी तेल और हथियार खरीदने पर जुर्माने की भी घोषणा की है, हालांकि उन्होंने इसकी राशि की अभी तक स्पष्ट नहीं की गई है। यूरोपीय संघ के बाद अमेरिकी प्रतिबंध को रीयल-टाइम डाटा और एनालिटिक्स प्रदाता केप्लर के प्रमुख शोध विश्लेषक (रिफाइनिंग एवं मॉडलिंग) सुमित रिटोलिया ने दोनों तरफ से दबाव बताया।