
शेयर बाजार: निफ्टी 1 साल में 6 प्रतिशत गिरा, जानिए क्या है इस गिरावट की वजह
क्या है खबर?
शेयर बाजार में निफ्टी बीते 12 महीना में 6 प्रतिशत तक गिर चुका है। 27 सितंबर, 2024 को निफ्टी 26,277.35 और सेंसेक्स 85,978.25 अंक पर अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे थे, लेकिन अब कई चुनौतियों के चलते बाजार नीचे फिसला है। शेयर बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कोई बड़ी मंदी की शुरुआत नहीं है बल्कि एक सामान्य सुधार है, जो आगे बाजार को नई दिशा देने में मदद करेगा।
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विदेशी निवेश और रुपये पर दबाव
बीते 12 महीनों में निफ्टी की गिरावट की एक बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली और रुपये की कमजोरी रही। 2025 में अब तक FPI ने करीब 10-15 अरब डॉलर निकाले हैं, वहीं रुपया 88 प्रति डॉलर से नीचे चला गया है। इस दोहरे दबाव ने बाजार की अस्थिरता बढ़ा दी। IT और वित्तीय क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जबकि फार्मा और सोना-चांदी जैसे सुरक्षित क्षेत्रों में थोड़ी स्थिरता बनी रही।
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कमजोर आय और ऊंचे मूल्यांकन
कंपनियों की आय उम्मीद से कमजोर रही और निफ्टी-50 कंपनियों ने सिर्फ 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। ऊंची लागत और कमजोर मांग ने मुनाफे पर दबाव डाला। इसके साथ ही, भारतीय शेयर बाजार महंगे बने हुए हैं। MSCI इंडिया इंडेक्स का P/E अनुपात 20 गुना है, जबकि उभरते बाजारों का औसत सिर्फ 12.4 गुना है। यह ऊंचा प्रीमियम विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी घटा रहा है और उन्हें सस्ते बाजारों की ओर मोड़ रहा है।
चुनौतियां
वैश्विक तनाव और नीतिगत चुनौतियां
अमेरिका और भारत के बीच व्यापार तनाव, दवा निर्यात पर नए शुल्क और H1B वीजा नियमों की सख्ती ने IT और फार्मा क्षेत्र को प्रभावित किया। पड़ोसी देशों से जुड़े तनाव और रुकी हुई व्यापार वार्ताओं ने भी निवेशकों का भरोसा घटाया। इन घटनाओं ने विदेशी निवेशकों को सतर्क बना दिया और भारतीय बाजार पर दबाव डाला। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी है और आगे बाजार वापसी कर सकता है।