
स्टारलिंक को लग सकता है झटका, TRAI केवल 5 साल के लाइसेंस की करेगा सिफारिश
क्या है खबर?
एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को जल्द ही सेवाएं शुरू करने के लिए भारत में अनुमति मिल सकती है।
रॉयटर्स के अनुसार, भारतीय दूरसंचार नियामक TRAI सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम को 5 साल के लिए आवंटित करने की सिफारिश कर सकता है, जबकि स्टारलिंक 20 साल का परमिट चाहती है।
TRAI का मानना है कि पहले 5 साल तक बाजार का आकलन किया जाए और फिर आगे फैसला लिया जाए।
TRAI की अंतिम सिफारिशें जल्द ही भारत सरकार को सौंपी जाएंगी।
डील
रिलायंस और एयरटेल की नई डील
रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने हाल ही में स्टारलिंक के लिए स्पेस-X के साथ साझेदारी की है।
अब भारत में स्टारलिंक की डिवाइस रिलायंस स्टोर्स में बेची जाएंगी, जिससे इसकी पहुंच बढ़ेगी। पहले रिलायंस और मस्क एक-दूसरे के विरोधी थे, लेकिन अब यह डील उन्हें सहयोगी बना रही है।
जियो ने 3 साल और एयरटेल ने 3-5 साल की लाइसेंस अवधि की मांग की है, ताकि सरकार बाद में बाजार की स्थिति के आधार पर नया फैसला ले सके।
भविष्य
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट का भविष्य
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेक्टर बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है।
TRAI के अनुसार, कम समय का लाइसेंस सरकार को बाद में कीमतें संशोधित करने का अवसर देगा। भारत में सैटेलाइट इंटरनेट का बाजार 2028 तक 25 अरब डॉलर (लगभग 2,170 अरब रुपये) तक पहुंच सकता है।
इस क्षेत्र में तेजी से विकास होने की संभावना है। TRAI भी जल्द ही अपनी अंतिम सिफारिशें सरकार को भेजेगा, जिससे आगे की रणनीति तय होगी।