क्रिसमस के बीच चांदी की चमक बढ़ी, ऐपल से अधिक हुआ बाजार मूल्यांकन
क्या है खबर?
चांदी की कीमतों में बढ़त के बावजूद वैश्विक बाजार में इसकी मांग काफी अधिक बनी हुई है। क्रिसमस के मौके पर जब दुनिया के कई बड़े शेयर बाजार बंद रहे, तब भी चांदी ने निवेशकों का ध्यान खींचा। ग्लोबल मार्केट में चांदी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। फ्यूचर्स 72 डॉलर प्रति औंस (लगभग 2.08 लाख रुपये) के पार चले गए। 24 दिसंबर को चांदी 0.5 प्रतिशत बढ़कर 71.87 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई।
बाजार मूल्यांकन
बाजार मूल्यांकन में दिग्गज कंपनियों को छोड़ा पीछे
तेजी के इस दौर में चांदी दुनिया की तीसरी सबसे कीमती एसेट बन गई है। बाजार मूल्यांकन के मामले में इसने ऐपल और अल्फाबेट जैसी बड़ी टेक कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, चांदी का बाजार मूल्यांकन 4.05 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 360 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा हो गया है। यह आंकड़ा ऐपल और अल्फाबेट दोनों से ऊपर है। फिलहाल सोना और एनवीडिया ही चांदी से आगे हैं।
वजह
कीमतों में जबरदस्त तेजी के पीछे बड़ी वजहें क्या हैं?
चांदी की कीमतों में आई इस तेजी के पीछे कई वैश्विक कारण हैं। अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव से सेफ-हेवन डिमांड बढ़ी है। इसके साथ ही, बाजार को उम्मीद है कि अमेरिकी फेड आने वाले समय में ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है। कम ब्याज दरें चांदी जैसी धातुओं को सपोर्ट देती हैं। इसके अलावा, सेंट्रल बैंक की खरीदारी और ETF में मजबूत निवेश भी तेजी की वजह बना है।
मांग
इंडस्ट्रियल मांग और आगे का नजरिया
चांदी की मजबूत मांग का एक बड़ा कारण इसका औद्योगिक इस्तेमाल भी है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन और मेडिकल उपकरणों में चांदी का बड़े स्तर पर उपयोग होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सप्लाई सीमित रहने और मांग बढ़ने से कीमतों को सहारा मिल रहा है। हालांकि, कुछ मुनाफावसूली हो सकती है, लेकिन लंबे समय में चांदी की कीमतें मजबूत बने रहने की उम्मीद जताई जा रही है।