चांदी की कीमतों में 25 सालों में 2600 प्रतिशत की बढ़ोतरी, क्या है तेजी की वजह?
क्या है खबर?
चांदी की कीमतों में बीते कुछ समय से लगातार तेजी देखने को मिल रही है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 25 सालों में चांदी के दाम में करीब 2600 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साल 2000 में जहां चांदी की कीमत करीब 7,900 रुपये प्रति किलो थी, वहीं अब यह 2.16 लाख रुपये प्रति किलो के आसपास पहुंच चुकी है। इस दौरान चांदी ने निवेशकों को लंबे समय में मजबूत रिटर्न देकर अपनी अहमियत साबित की है।
फायदा
लंबे समय में निवेशकों को मिला बड़ा फायदा
अगर कोई निवेशक साल 2000 में चांदी में 1,000 रुपये का निवेश करता और 25 साल तक बना रहता, तो आज उसकी वैल्यू करीब 26,455 रुपये होती। यानी निवेश लगभग 26 गुना बढ़ गया। यह आंकड़े दिखाते हैं कि चांदी ने समय के साथ न सिर्फ संपत्ति की रक्षा की, बल्कि उसे बढ़ाने में भी मदद की है। उतार-चढ़ाव भरे दौर में भी चांदी ने निवेशकों को स्थिरता, भरोसा और लंबी अवधि की सुरक्षा दी है।
कारण
तेजी के पीछे क्या हैं प्रमुख कारण?
चांदी की कीमतों में तेजी के पीछे कई वजहें एक साथ काम कर रही हैं। इंडस्ट्रियल डिमांड में बढ़ोतरी, क्लीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में इस्तेमाल, साथ ही वैश्विक अनिश्चितता ने इसकी मांग बढ़ाई है। इसके अलावा, सप्लाई साइड पर दबाव, खनन में रुकावट और सीमित उपलब्धता ने भी कीमतों को ऊपर धकेला है, जिससे बाजार में दबाव बना हुआ है और निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ती जा रही है।
भविष्य
भविष्य में भी बना रह सकता है आकर्षण
चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव रहता है, लेकिन इसके लंबे समय के आंकड़े बताते हैं कि धैर्य रखने वाले निवेशकों को फायदा हुआ है। चांदी ने मुश्किल दौर में पोर्टफोलियो को संतुलन दिया है और दूसरे एसेट्स के मुकाबले एक भरोसेमंद विकल्प बनी है। मौजूदा हालात में भी चांदी को निवेश में विविधता लाने का एक अहम साधन माना जा रहा है, जिस पर निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है।