
प्रवासी भारतीयों ने रिकॉर्ड स्तर पर भारत में भेजे पैसे, आंकड़ा 11,000 अरब रुपये के पार
क्या है खबर?
प्रवासी भारतीयों ने पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड स्तर पर भारत में पैसे भेजे हैं, जिससे देश को बड़ी विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक, इस अवधि दौरान भारत को कुल 135.46 अरब डॉलर (लगभग 11,600 अरब रुपये) का पैसा विदेश से मिला। यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। पिछले कई वर्षों से भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पैसा प्राप्त करने वाला देश बना हुआ है और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है।
बढ़त
पिछले साल के मुकाबले 14 प्रतिशत ज्यादा बढ़त
RBI के ताजा आंकड़ों के अनुसार, यह रकम पिछले साल की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है। 2016-17 में यह 61 अरब डॉलर (लगभग 5,200 अरब डॉलर) था। इन पैसों को 'निजी ट्रांसफर' कहा जाता है और ये भारत के कुल विदेशी लेन-देन में करीब 10 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं। भारत उन देशों में से है, जहां 200 डॉलर (लगभग 1,700 रुपये) भेजने में सबसे कम खर्च आता है, जिससे पैसा भेजना आसान और सस्ता होता है।
देश
इन देशों का रहा प्रमुख योगदान
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों में काम करने वाले कुशल भारतीयों की संख्या बढ़ रही है। इन्हीं 3 देशों से भारत को आने वाले कुल पैसों का 45 प्रतिशत हिस्सा मिल रहा है। दूसरी ओर, खाड़ी देशों की हिस्सेदारी धीरे-धीरे कम हो रही है, क्योंकि वहां की अर्थव्यवस्था तेल पर ज्यादा निर्भर है और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर वहां की नौकरियों पर पड़ता है।
असर
विदेशी निवेश से भी अधिक है इसका असर
RBI के मुताबिक, भारत को मिलने वाले ये पैसे विदेशी निवेश (FDI) से भी ज्यादा होते हैं। ये पैसे भारत की विदेशों से चीजें खरीदने पर होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करते हैं। पिछले साल भारत को लगभग 24,500 अरब रुपये का नुकसान हुआ, जिसमें से करीब आधा पैसा विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने भेजा। साल 2024 में, वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारत को सबसे ज्यादा पैसा विदेश से मिला।