लाल सागर में हमलों से भारत में तेल की कीमतों में होगी वृद्धि- WEF प्रमुख
लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर यमन के हूती विद्रोहियों के हमलों से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। विश्व आर्थिक मंच (EWF) के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने कहा कि इन हमलों के चलते तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि इससे कई देशों की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा और भारत जैसे तेल आयात करने वाले देशों के लिए कीमतों में 10 से 20 डॉलर (800 से 1,600 रुपये) प्रति बैरल बढ़ोतरी हो सकती है।
स्वेज नगर बंद होने से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को नुकसान होगा- WEF
इंडिया टुडे से बातचीत में WEF प्रमुख ब्रेंडे ने कहा कि स्वेज नहर के बंद होने से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को नुकसान होगा और उम्मीद है कि क्षेत्र में हूती हमले बहुत जल्द बंद हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले पिछले साल वैश्विक व्यापार वृद्धि 3.4 प्रतिशत से गिरकर 0.8 प्रतिशत पर आ गई थी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस साल जल्द वैश्विक व्यापार की स्थिति में सुधार आएगा।
WEF प्रमुख बोले- हमलों के कारण बहुत कुछ दांव पर
ब्रेंडे ने कहा कि अगर लाल सागर से आवागमन बंद होता है तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने में ज्यादा समय नहीं लगेगा और तथ्य ये है कि स्वेज नहर को अगर कुछ हफ्ते भी बंद रखा गया तो इसका वैश्विक आपूर्ति श्रृखंला पर बहुत बुरा असर पड़ना तय है। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो स्थिति बनी हुई है, उसके कारण बहुत कुछ दांव पर है और तेल आयात करने वाले भारत जैसे देशों में कीमतें बढ़ सकती हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी- WEF प्रमुख
WEF प्रमुख ब्रेंडे ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के इस साल 8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है और आने वाले 2 दशकों में भारत की अर्थव्यवस्था 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था बाकी अर्थव्यवस्था की तुलना में दोगुनी तेजी से बढ़ रही है और डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ-साथ निर्यात में मामले में भारत ने अन्य देशों को पीछे छोड़ दिया है।
क्या है लाल सागर में हूतियों के हमले का मामला?
इजरायल-हमास युद्ध के शुरू होने के बाद से हूती विद्रोही लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर हमला कर रहे हैं। हाल ही में अमेरिका-ब्रिटेन ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर संयुक्त जवाबी हमले किए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, हमलों के कारण स्वेज नहर से गुजरने वाले जहाजों की संख्या में 44 प्रतिशत की गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2024 में भारत के कुल निर्यात में 6.7 प्रतिशत (लगभग 2,500 अरब रुपये) की गिरावट आ सकती है।