मेटा ने लॉन्च किया 2 करोड़ रुपये का मिक्स्ड रियलिटी फंड, स्टार्टअप्स-डेवलपर्स को होगा ये फायदा
मेटा ने बुधवार को भारत में एक नए मिक्स्ड रियलिटी (MR) प्रोग्राम की घोषणा की। इसके तहत मेटा के प्रेजेंस प्लेटफॉर्म, मेटा क्वेस्ट प्लेटफॉर्म और मेटावर्स के लिए ऐप बनाने वाले भारतीय स्टार्टअप और डेवलपर्स को फंड दिया जाएगा। मेटा के MR प्रोग्राम के तहत ऐप बनाने वाले भारतीय स्टार्टअप्स को लगभग 2 करोड़ रुपये (2.5 लाख डॉलर) का फंड दिया जाएगा। कंपनी के मुताबिक, यह फंड देश में एक्सटेंडेड रियलिटी (XR) को टेक्नोलॉजी का इकोसिस्टम बनाने में मदद करेगा।
चुने जाएंगे 5 भारतीय स्टार्टअप्स और डेवलपर्स
इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में मेटा की तरफ से चुने गए 5 भारतीय डेवलपर्स और स्टार्टअप के समूह को फंड देने के साथ ही उन्हें मेटा रियलिटी लैब्स के विशेषज्ञों की सलाह और मार्गदर्शन दिया जाएगा। मेटा ने कहा कि समूह के स्टार्टअप और डेवलपर्स को अपने प्रोडक्ट को क्वेस्ट ऐप लैब पर अपलोड करने और मेटा के बढ़ते डेवलपर इकोसिस्टम का हिस्सा बनने का भी अवसर मिलेगा।
आवेदकों के लिए खुला है मेटा फंड
रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा फंड अब आवेदकों के लिए खुला है। स्टार्टअप और डेवलपर्स आवेदन कर सकते हैं। चुने गए डेवलपर्स को पासथ्रू, सीन अंडरस्टैंडिंग, वॉयस एसडीके, टेक्स्ट टू स्पीच, हैंड ट्रैकिंग और सोशल प्रेजेंस API के लिए इंटरेक्शन एसडीके जैसे फीचर्स के जरिए प्रेजेंस प्लेटफॉर्म को मौजूदा या नए मेटा क्वेस्ट ऐप्स में इंटीग्रेट करने की जरूरत होगी। मेटावर्स मेटा का एक प्लेटफॉर्म है, जिसमें क्वेस्ट हेडसेट के जरिए मिक्स्ड रियलिटी का अनुभव लिया जाता है।
मेटावर्स का अभिन्न अंग है प्रेजेंस प्लेटफॉर्म - संध्या देवनाथन
भारत में मेटा की उपाध्यक्ष संध्या देवनाथन ने कहा कि प्रेजेंस प्लेटफॉर्म मेटावर्स विजन का एक अभिन्न अंग है और इसका लक्ष्य आभासी अनुभवों को अधिक वास्तविक और आसान बनाना है। देवनाथन ने कहा, "हमारा मानना है कि यह फंड और कार्यक्रम देश में वर्चुअल रियलिटी (VR) और मिक्स्ड रियलिटी (MR) से जुड़े अनुभव और नए फीचर्स के निर्माण में तेजी लाएगा।" उन्होंने कहा कि इसके साथ भारतीय डेवलपर्स को वैश्विक पहचान भी मिलेगी।
2026 तक 8 लाख करोड़ रुपये तक XR बाजार के पहुंचने की उम्मीद
मार्केट रिसर्च फर्म स्टेटिस्टा द्वारा 9 मार्च को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार एक्सटेंडेड रियलिटी बाजार (MR/VR और AR शामिल हैं) 2022 में 2 लाख करोड़ रुपये पहुंचा और 2026 तक इसके 8 लाख करोड़ रुपये पहुंचने की उम्मीद है। मिक्स्ड रियलिटी को हाइब्रिड या एक्सटेंडेड रियलिटी भी कहते हैं। इससे ऐसा डिजिटल माहौल तैयार किया जाता है, जिसमें भौतिक वास्तविकता और डिजिटल कंटेंट को जोड़कर वास्तविक दुनिया और वर्चुअल (आभासी) वस्तुओं के साथ बातचीत को सक्षम बनाया जाता है।