
मेटा ने स्केल AI में किया 1,230 अरब रुपये का निवेश, क्या है कंपनी का उद्देश्य?
क्या है खबर?
मेटा ने स्केल AI स्टार्टअप में 14.3 अरब डॉलर (लगभग 1,230 अरब रुपये) का बड़ा निवेश किया है।
यह सौदा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षेत्र में मेटा की महत्वाकांक्षा और तेजी से विकास की योजना का हिस्सा है। स्केल अब लगभग 2,500 अरब रुपये का स्टार्टअप बन गया है।
इस सौदे के जरिए मेटा और स्केल मिलकर AI मॉडल तैयार करने के लिए डाटा साझा करेंगे। AI में पिछड़ने से बचने के लिए मेटा ने यह रणनीतिक कदम उठाया है।
निवेश
AI विकास में लगेगा निवेश का इस्तेमाल
मेटा ने इस निवेश के जरिए स्केल में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है, लेकिन ये नॉन-वोटिंग शेयर होंगे।
स्केल के CEO एलेक्जेंडर वांग मेटा की सुपरइंटेलिजेंस टीम में शामिल होंगे, जो इंसानों जैसे सोचने वाले AI पर काम करेगी। वह स्केल के बोर्ड में भी बने रहेंगे और स्केल के नए अंतरिम CEO जेसन ड्रोगे होंगे।
मेटा इस साझेदारी से अपने AI सिस्टम को मजबूत बनाएगा और डाटा के जरिये AI मॉडल्स को बेहतर करेगा।
रणनीति
जुकरबर्ग ने अपनाई आक्रामक AI रणनीति
मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग ने AI को प्राथमिकता दी है और इसकी प्रगति के लिए विशेषज्ञों की भर्ती शुरू की है।
उन्होंने पालो ऑल्टो में अपने घर पर उम्मीदवारों से मुलाकात की और मेटा के ऑफिस में बदलाव किए, ताकि AI टीम उनके करीब काम करे।
उन्होंने OpenAI और गूगल जैसे प्रतिस्पर्धियों से मुकाबले के लिए आकर्षक वेतन पैकेज भी दिए। जुकरबर्ग की रणनीति अन्य टेक दिग्गजों जैसे माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी होती जा रही है।
भूमिका
सरकारी साझेदारी और स्केल की भूमिका अहम
स्केल AI खुद लार्ज लैंग्वेज मॉडल नहीं बनाता, बल्कि कंपनियों को AI सिस्टम को प्रशिक्षित करने के लिए डाटा सेवाएं देता है।
मेटा को स्केल से सरकारी प्रोजेक्ट्स में भी फायदा मिल सकता है। 28 वर्षीय वांग लॉबिंग में भी माहिर माने जाते हैं और उनका नेटवर्क मेटा को अमेरिकी नीति निर्धारकों तक पहुंच दिला सकता है।
स्केल ने 2024 में 87 करोड़ डॉलर (लगभग 7,490 करोड़ रुपये) कमाए और 2025 में लगभग 170 अरब रुपये राजस्व की उम्मीद है।