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अमेरिका में इंफोसिस और विप्रो के शेयरों में आई गिरावट, जानिए क्या रही वजह 
अमेरिका में H1B वीजा नियम बदलने से इंफोसिस और विप्रो जैसी कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ा है (तस्वीर: फ्रीपिक)

अमेरिका में इंफोसिस और विप्रो के शेयरों में आई गिरावट, जानिए क्या रही वजह 

Sep 20, 2025
11:00 am

क्या है खबर?

इंफोसिस और विप्रो के अमेरिकी सूचीबद्ध शेयरों या अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट्स (ADR) में रातों-रात 4 फीसदी तक की गिरावट आई है। यह गिरावट राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कुछ H1B वीजा धारकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद हुई है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को इंफोसिस ADR में 4 फीसदी की गिरावट आई, जबकि विप्रो ADR में 2 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।

असर 

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को दिखेगा असर

H1B वीजा कार्यक्रम के अन्य प्रमुख यूजर्स के शेयरों में भी गिरावट देखी गई, जिसमें कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी के शेयरों में 4.3 फीसदी और एक्सेंचर के 1.3 फीसदी की गिरावट आई है। यह बदलाव इन कंपनियों के व्यावसायिक मॉडल को प्रभावित कर सकती है, जो विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका लाने के लिए वीजा कार्यक्रम पर बहुत अधिक निर्भर हैं। इसका असर इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), विप्रो जैसी अन्य कंपनियाें के भारतीय शेयरों पर सोमवार को देखने को मिल सकता है।

बदलाव 

H1B वीजा नियमों में क्या किया है बदलाव?

नए नियमों के अनुसार, नए H1B वीजा आवेदनों के साथ या उनके पूरक के रूप में 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) का भुगतान करना होगा। अमेरिकी विदेश विभाग भुगतान न करने के कारण आवेदन को अस्वीकार कर सकता है। अमेरिका में पहले से मौजूदा H1B वीजा धारकों पर इसका कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा। विश्लेषकों का मानना ​​है कि यह एक बड़ी बाधा होगी, लेकिन भारतीय IT क्षेत्र को इससे अस्तित्व से कोई खतरा नहीं है।