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भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग में वृद्धि का अनुमान, 2030 तक 3,400 अरब रुपये हो सकता है आकार
भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग में वृद्धि का अनुमान है

भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग में वृद्धि का अनुमान, 2030 तक 3,400 अरब रुपये हो सकता है आकार

Mar 07, 2025
05:41 pm

क्या है खबर?

भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग में तेजी से वृद्धि का अनुमान है। इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (IESA) के अध्यक्ष अशोक चांडक के अनुसार, भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग 2030 तक 40 अरब डॉलर (लगभग 3,480 अरब रुपये) तक बढ़ सकता है। इसके लिए जरूरी है कि चिप निर्माण सामग्री भारत में ही विकसित किया जाए। चांडक ने कहा कि चिप निर्माण बहुत जटिल प्रक्रिया है और सफल होने के लिए भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर केंद्रों से सीखने की जरूरत होगी।

संभावना

सेमीकंडक्टर उद्योग में लाखों नौकरियों की संभावना

IESA की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग 10 अरब डॉलर (लगभग 870 अरब रुपये) तक बढ़ सकता है, लेकिन अगर सही कदम उठाए जाएं, तो यह 40 अरब डॉलर तक भी पहुंच सकता है। इसके लिए 2026-27 तक इस उद्योग में 15 लाख कुशल और 50 लाख अर्ध-कुशल कर्मचारियों की जरूरत होगी। विशेष रूप से डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग, परीक्षण, उपकरण इंजीनियरिंग और सप्लाई चेन से जुड़े क्षेत्रों में नौकरियों की मांग बढ़ेगी।

रुचि

वैश्विक कंपनियां भारत में दिखा रही हैं रुचि

IESA के 19वें विजन समिट में 30 से अधिक समझौते (MoU) किए गए, जिनमें टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का PSMC और हिमैक्स के साथ समझौता शामिल है। इस कार्यक्रम में 2,400 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया, जिसमें 250 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि शामिल थे। उद्घाटन सत्र में 1,750 से अधिक लोग मौजूद थे, जो भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग के प्रति वैश्विक कंपनियों की रुचि को दर्शाता है। बता दें, सेमीकंडक्टर उद्योग डिजिटल क्रांति का महत्वपूर्ण स्तंभ है।