ब्रिटेन को पछाड़कर एक बार फिर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत
क्या है खबर?
ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 2021 की अंतिम तिमाही में भारत ने ब्रिटेन को पछाड़ा है।
यह गणना अमेरिकी डॉलर पर आधारित है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत ने इस साल की पहली तिमाही में भी अपनी बढ़त को बरकरार रखा है।
भारत इससे पहले भी 2019 में ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवें स्थान पर पहुंचा था।
आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
अर्थव्यवस्था
भारत और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में कितना अंतर?
नकदी के हिसाब से अर्थव्यवस्था के आकार की बात करें तो मार्च में समाप्त हुई तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 854.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की थी, जबकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 816 बिलियन डॉलर था।
ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में और गिरावट आने की आशंका है।
दूसरी तिमाही में नकदी के संदर्भ में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था महज एक प्रतिशत बढ़ी है। इसके अलावा यहां की मुद्रा ने भी डॉलर के सामने रुपये के मुकाबले खराब प्रदर्शन किया है।
अर्थव्यवस्था का आकार
10 साल पहले 11वें स्थान पर था भारत
IMF के अनुसार, 10 साल पहले भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी।
2017 में फ्रांस को पछाड़कर भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना था। अब एक बार फिर वह पांचवें पायदान पर पहुंच गया है।
भारत से आगे फिलहाल अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी का नंबर है।
इस साल एक तरह जहां ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में गिरावट का अनुमान है, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकती है।
जानकारी
सालाना आधार पर पांचवी अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत
भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार मजबूती के संकेत देखे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था में सुस्ती का दौर है। अगर भारतीय अर्थव्यवस्था ऐसे ही आगे बढ़ती रही तो जल्द ही वह सालाना आधार पर दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन जाएगी।
आंकड़े
कृषि और सेवा क्षेत्र की विकास दर में हुआ सुधार
बीते बुधवार को जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल-जून तिमाही में सेवा क्षेत्र में विकास की दर 17.6 प्रतिशत और कृषि क्षेत्र की दर 4.5 प्रतिशत रही। इसकी पिछले साल से तुलना की जाए तो ये क्रमश: 10.5 प्रतिशत और 2.2 प्रतिशत रही थी।
अन्य क्षेत्रों की बात करें तो वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की विकास दर 2.3 फीसदी से बढ़कर 9.2 फीसदी पहुंच गई है।
अनुमान
सरकार को 2022-23 में विकास दर 7.4 फीसदी तक रहने का अनुमान
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7-7.4% की विकास दर हासिल कर सकती है।
राजकोषीय घाटे को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में इसे GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के 6.4 प्रतिशत पर बनाए रखने को लेकर आश्वस्त है।
बता दें कि चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में राजकोषीय घाटा एक साल पहले की समान अवधि से मामूली कम होकर सालाना लक्ष्य का 20.5 प्रतिशत रहा।