भारत का टेक सेक्टर अगले साल 26,000 अरब रुपये का राजस्व कर सकता है पार
क्या है खबर?
भारत का टेक सेक्टर 2026 तक 300 अरब डॉलर (लगभग 26,000 अरब रुपये) का राजस्व पार कर सकता है।
नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, इसकी प्रमुख वजह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता उपयोग है, खासकर एजेंटिक AI, जो खुद फैसले ले सकता है और काम कर सकता है। इससे बिजनेस मॉडल में बदलाव आएंगे और कंपनियां ज्यादा स्मार्ट बनेंगी।
ग्लोबल कंपनियां भारत में अपने टेक सेंटर्स को सिर्फ लागत बचाने के बजाय इनोवेशन का केंद्र बना रही हैं।
असर
AI और नई टेक्नोलॉजी का असर
AI को अपनाने से बिजनेस मॉडल बदल रहे हैं और कंपनियां ज्यादा कुशल हो रही हैं। खासतौर पर ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) तकनीकी विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इनोवेशन की मदद से कंपनियां पुरानी प्रक्रियाओं को हटाकर ज्यादा स्मार्ट फैसले ले रही हैं।
इसके अलावा, भू-राजनीतिक बदलावों जैसे व्यापार युद्ध और वैश्विक संबंधों का भी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री पर असर पड़ रहा है, जिससे कंपनियों को अपने काम करने के तरीके बदलने पड़ रहे हैं।
बदलाव
टेक्नोलॉजी वर्कफोर्स में बड़ा बदलाव
टेक्नोलॉजी सेक्टर में स्किल्स को अपडेट करने पर जोर दिया जा रहा है। कंपनियां अपने कर्मचारियों को AI और डिजिटल सुरक्षा में ट्रेनिंग दे रही हैं, ताकि वे नए दौर के हिसाब से तैयार रहें।
भारत सरकार और निजी कंपनियां मिलकर AI में युवाओं को प्रशिक्षित करने पर काम कर रही हैं। डिजिटल सुरक्षा, नई तकनीकों और लचीलेपन पर ध्यान देकर भारत का टेक सेक्टर 2026 तक 300 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने की ओर बढ़ रहा है।