अक्टूबर में निर्यात मांग घटने से भारत का सेवा क्षेत्र 5 महीने में निचले स्तर पर
क्या है खबर?
भारत का सेवा क्षेत्र अक्टूबर में अपनी गति खो बैठा, जो पिछले 5 महीनों में सबसे कम रही। अगस्त में 15 साल के शिखर पर पहुंचने के बाद S&P ग्लोबल द्वारा संकलित HSBC इंडिया सर्विसेज PMI 58.9 पर आ गया। इसका मतलब है कि नए व्यवसाय और उत्पादन धीमे हुए हैं। हालांकि, यह 50 से ऊपर है, जिससे पता चलता है कि क्षेत्र अभी भी विस्तार में है। कंपनियां भविष्य के लिए आशावादी बनी हुई हैं।
कारण
मंदी के प्रमुख कारण
सेवा क्षेत्र की धीमी गति का मुख्य कारण निर्यात में कमी और बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा है। भारी बारिश और मौसम की चुनौतियों ने नए ऑर्डर और उत्पादन को प्रभावित किया। अमेरिका में सख्त वीजा नियम और डिजिटल सेवाओं पर अनिश्चितता ने भारतीय IT और आउटसोर्सिंग कंपनियों के मार्जिन को कम किया। बढ़ती लागत और वैश्विक दबाव ने व्यवसाय विस्तार की गति धीमी कर दी, जिससे सेवा क्षेत्र में वृद्धि अपेक्षित से कम रही।
लागत
इनपुट लागत और संतुलित वृद्धि
हालांकि, वृद्धि धीमी हुई, इनपुट लागत और बिक्री मूल्य संतुलित तरीके से बढ़े। कंपनियों ने नए ऑर्डर और उत्पादन में हल्की, लेकिन पर्याप्त वृद्धि दर्ज की। वित्त, बीमा, परिवहन, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में कंपनियां सक्रिय रहीं। लंबे समय से सेवा क्षेत्र विस्तार में है और इनपुट लागत में धीमी वृद्धि ने कंपनियों को राहत दी। भविष्य के लिए कंपनियों का भरोसा अभी भी मजबूत है।
तेजी
मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में तेजी
भारत के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र ने अक्टूबर में फिर से गति पकड़ लिया है। HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI सितंबर के 57.7 से बढ़कर 59.2 पर आ गया, जिससे पता चलता है कि कारखानों में उत्पादन और नए ऑर्डर बढ़ रहे हैं। GST में राहत, बेहतर उत्पादकता और प्रौद्योगिकी निवेश ने इसे बल दिया। इस तरह सेवा क्षेत्र में मंदी देखी गई, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में विकास जारी रहा, जो समग्र अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है।