Page Loader
भारत ने कोयला खदानों से दुर्लभ मृदा तत्व खोजे, चीन पर निर्भरता होगी कम 
भारत ने कोयला खदानों से दुर्लभ मृदा तत्व खोजे (तस्वीर: पिक्साबे)

भारत ने कोयला खदानों से दुर्लभ मृदा तत्व खोजे, चीन पर निर्भरता होगी कम 

Jun 30, 2025
04:31 pm

क्या है खबर?

भारत सरकार अब कोयला खदानों से निकलने वाले अपशिष्ट यानी ओवरबर्डन में दुर्लभ मृदा तत्वों (REE) की खोज कर रही है। CNBC TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, इसका मकसद खनिजों का बेहतर उपयोग और आत्मनिर्भरता हासिल करना है। यह काम राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) के तहत हो रहा है। अब केवल खनिज वाले इलाकों में ही नहीं, बल्कि कोयला और पेट्रोलियम क्षेत्रों में भी इन कीमती तत्वों की खोज की जा रही है।

आपूर्ति

स्कैंडियम और स्ट्रोंटियम की मिलेगी आपूर्ति 

सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी के अनुसार, तेलंगाना की सथुपल्ली और रामागुंडम की खुली खदानों में 15 टन मिट्टी से 1 किलोग्राम स्कैंडियम और स्ट्रोंटियम निकाला जा सकता है। अगस्त से इन दोनों तत्वों की आपूर्ति शुरू की जाएगी। स्कैंडियम का उपयोग विमान, ईंधन सेल और खेल के सामान में होता है, जबकि स्ट्रोंटियम का इस्तेमाल दवाओं, मैग्नेट, टीवी ट्यूबों और अन्य औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है, जिससे भारत की खनिज आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।

 निर्भरता 

चीन पर निर्भरता कम करने की कोशिश 

भारत अब REE की आपूर्ति के लिए चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहता। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पहले चीन की REE निर्यात नीति को पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बताया था। सरकार अब ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चिली और अर्जेंटीना जैसे देशों से आपूर्ति के वैकल्पिक स्रोत ढूंढ रही है। इससे भारत को आने वाले समय में इन महंगे खनिजों की कमी से निपटने में बहुत अधिक मदद मिलेगी।