इस भारतीय AI शेयर में कैसे आई 55,000 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़त?
क्या है खबर?
दुनिया का सबसे तेज बढ़ने वाला स्टॉक अब निवेशकों के लिए चेतावनी बन गया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कम जानी-पहचानी कंपनी RRP सेमीकंडक्टर लिमिटेड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उछाल से 2 साल से कम समय में करीब 55,000 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है। इस तेजी ने कंपनी को चर्चा में ला दिया है। हालांकि, इतनी तेज उछाल ने निवेश जोखिम, बाजार में हाइप और नियमों की भूमिका पर गंभीर सवाल भी खड़े किए हैं।
बढ़त
कैसे आई रिकॉर्ड बढ़त?
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, RRP सेमीकंडक्टर पहले रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनी थी। 2024 की शुरुआत में प्रमोटर राजेंद्र चोडनकर ने इसका नाम और कारोबार बदलकर सेमीकंडक्टर सेक्टर से जोड़ दिया। बोर्ड ने बाजार भाव से कम कीमत पर शेयर जारी किए, जिससे प्रमोटर की हिस्सेदारी बढ़ गई। इसी दौरान महाराष्ट्र में सेमीकंडक्टर यूनिट की योजना की खबरें आईं, जिसने निवेशकों के बीच उम्मीदें बढ़ाईं और शेयर में तेजी को हवा मिली।
असर
हाइप और सीमित शेयरों का असर
रिपोर्ट बताती है कि कंपनी के करीब 98 प्रतिशत शेयर प्रमोटर और उनके सहयोगियों के पास हैं। बाजार में बहुत कम शेयर उपलब्ध होने से कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव हुआ। शेयर लगातार कई सत्रों तक अपर सर्किट में रहे। सेमीकंडक्टर और AI सेक्टर को लेकर बढ़ते उत्साह के बीच रिटेल निवेशकों ने बिना बारीकियों को देखे खरीदारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि सीमित फ्री फ्लोट और ऑनलाइन हाइप ने इस उछाल को असामान्य बना दिया।
जोखिम
रेगुलेटरी जांच और निवेश जोखिम
इस तेज बढ़त के बाद SEBI और स्टॉक एक्सचेंज की नजर कंपनी पर गई है। ट्रेडिंग सीमित की गई और जांच शुरू हुई। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की वित्तीय हालत कमजोर है, रेवेन्यू निगेटिव रहा है और नुकसान दर्ज किया गया है। विशेषज्ञों ने चेताया है कि ऊंचे स्तर पर निवेश करने वालों को बड़ा जोखिम झेलना पड़ सकता है। यह मामला दिखाता है कि AI जैसे ट्रेंड में निवेश से पहले सतर्क रहना कितना जरूरी है।
मौजूदा स्थिति
कंपनी की मौजूदा स्थिति और अहम आंकड़े
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, RRP सेमीकंडक्टर का मौजूदा बाजार पूंजीकरण करीब 1.7 अरब डॉलर (लगभग 150 अरब रुपये) है। हालांकि, मजबूत शेयर तेजी के बावजूद कंपनी की आर्थिक हालत कमजोर बनी हुई है। सितंबर तिमाही में कंपनी ने 6.82 करोड़ रुपये की नकारात्मक आय दर्ज की, जबकि शुद्ध घाटा 7.15 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने यह भी स्वीकार किया है कि उसने अब तक कोई सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग शुरू नहीं की है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ी है।