भारतीय स्टार्टअप्स की फंडिंग में 75 प्रतिशत की गिरावट, 3 महीने में एक भी यूनिकॉर्न नहीं
क्या है खबर?
भारतीय स्टार्टअप्स ने 2023 की पहली तिमाही में कुल 2 खरब रुपये से अधिक की फंडिंग प्राप्त की है। ये पिछले वर्ष की समान अवधि में विभिन्न स्टार्टअप को मिलने वाली लगभग 9 खरब रुपये की फंडिंग की तुलना में 75 प्रतिशत कम है।
दरअसल, बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों का निवेश पर काफी प्रभाव पड़ रहा है।
सोमवार को आई एक रिपोर्ट की मानें तो फंडिंग की मुश्किल गहराती जा रही है।
यूनिकॉर्न
2022 की पहली तिमाही में बने थे 14 यूनिकॉर्न
प्रमुख वैश्विक मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 की पहली तिमाही में 14 यूनिकॉर्न बने थे और इसकी तुलना में 2023 में जनवरी-मार्च की अवधि में कोई नया यूनिकॉर्न नहीं बना है।
लेट-स्टेज फंडिंग में कमी के कारण फंडिंग वॉल्यूम में कमी आई है। ये 2022 की पहली तिमाही की तुलना में 2023 की पहली तिमाही में 79 प्रतिशत (लगभग 1.5 खरब रुपये) कम हो गई।
स्टार्टअप्स
सीड फंडिंग राउंड में मिली लगभग 12 अरब रुपये की फंडिंग
2023 की पहली तिमाही में सीड फंडिंग राउंड में लगभग 12 अरब रुपये की फंडिंग मिली, जो 2022 की चौथी तिमाही से 16 प्रतिशत कम है।
साल-दर-साल की तुलना में महीना-दर-महीना आधार पर फंडिंग की तुलना ज्यादा आशाजनक है।
फरवरी, 2023 में लगभग 63 अरब रुपये के मुकाबले मार्च, 2023 में 98 अरब रुपये की फंडिग मिली है। इसका मतलब फरवरी की तुलना में मार्च में स्टार्टअप्स को 54 प्रतिशत अधिक फंडिंग मिली है।
फंडिंग
लेट-स्टेज राउंड में मिली लगभग 1.5 खरब रुपये फंडिंग
2023 की पहली तिमाही में लेट-स्टेज राउंड में लगभग 1.5 खरब रुपये की फंडिंग देखी गई, जो कि 2022 की पहली तिमाही की तुलना में 79 प्रतिशत और पिछले साल की चौथी तिमाही की तुलना में 23 प्रतिशत कम है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 2022 की चौथी तिमाही की तुलना में 2023 की पहली तिमाही में कुल फंडिंग में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है।
फोनपे
इन स्टार्टअप्स को मिली सबसे अधिक फंडिंग
इस तिमाही फोनपे, इंश्योरेंस देखो, लेंसकार्ट, फ्रेश टू होम फूड्स और क्रेडिटबी जैसी कंपनियों के साथ लगभग 8 अरब रुपये से अधिक के फंडिंग राउंड हुए।
फोनपे ने 2023 की पहली तिमाही में कई सीरीज के D राउंड में लगभग 53 अरब रुपये जुटाए और इससे कंपनी का वैल्युएशन लगभग 9 खरब रुपये हो गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, लेंसकार्ट ने अबू धाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) की सहायक कंपनी के नेतृत्व में J राउंड में लगभग 40 अरब रुपये जुटाए।
अधिग्रहण
फंडिंग के मामले में फिनटेक और रिटेल सेक्टर रहे सबसे आगे
फंडिंग के मामले में फिनटेक, रिटेल और एंटरप्राइज एप्लीकेशन सेक्टर सबसे आगे रहे।
फिनटेक सेक्टर में 2022 की चौथी तिमाही की तुलना में फंडिंग में 150 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली। हालांकि, 2022 की पहली तिमाही की तुलना में इसमें 51 प्रतिशत की गिरावट आई।
रिपोर्ट के अनुसार, अधिग्रहण के मामले में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर स्थिति स्थिर है। 2022 की चौथी तिमाही में 43 प्रतिशत अधिग्रहण की तुलना में 2023 की पहली तिमाही में 46 प्रतिशत अधिग्रहण हुए।