पर्सनल लोन कितने दिन नहीं चुकाने पर लगता है डिफॉल्ट का टैग? जानिए इसके नुकसान
क्या है खबर?
पर्सनल लोन उस वक्त परेशानी का सबब बन जाता है, जब आप भुगतान न करने का फैसला करते हैं। आप एक EMI चूक जाते हैं और सोचते हैं कि अगले महीने चुका देंगे। इसी तरह आगे वाले महीने भी छूटते जाते हैं और एक दिन आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर डिफाॅल्ट का टैग लग जाता है, जो लंबे समय तक परेशानी का कारण रहता है। आइये जानते हैं कितने दिनों तक किस्त टालने पर आपको डिफॉल्टर घोषित किया जाता है।
समय
इतने दिन में लग जाता है डिफाॅल्टर टैग
अगर, आपका पर्सनल लोन 90 दिनों (3 महीने) से ज्यादा समय तक बकाया रहता है तो लोन देने वाली संस्था इसे नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित कर सकती है। यह बैंकिंग की शब्दावली है, लेकिन आपके लिए इसका सीधा-सा मतलब आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में डिफॉल्टर जुड़ जाता है। एक बार यह टैग लग जाने पर लोन देने वाली संस्था का आपके साथ व्यवहार बदल जाता है। लहजा सख्त हो जाता है और बार-बार फॉलो-अप किए जाने लगते हैं।
नुकसान
क्या होते हैं भुगतान चूकने के नुकसान?
बकाया भुगतान का मामला जितना लंबा खिंचता है बकाया राशि उतनी ही बढ़ती जाती है, क्योंकि जुर्माना और अतिरिक्त ब्याज जुड़ते रहते हैं। इसके अलावा यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को प्रभावित करता है। एक बार डिफॉल्ट की रिपोर्ट हो जाने पर आपका क्रेडिट स्कोर तेजी से गिर सकता है। भले ही आप बाद में भुगतान कर दें, लेकिन यह टैग आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है और दोबारा पैसे की जरूरत होने पर मुश्किलें खड़ी कर सकता है।