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डिजिटल-ओनली बैंकिंग सही या गलत? जानिए इसके फायदे और नुकसान 
डिजिटल-ओनली बैंकिंग आपको चलते-फिरते खाते का प्रबंधन करने की सुविधा देती है (तस्वीर: फ्रीपिक)

डिजिटल-ओनली बैंकिंग सही या गलत? जानिए इसके फायदे और नुकसान 

Jun 10, 2025
07:45 am

क्या है खबर?

तकनीकी के दौर में बैंकिंग सिस्टम में भी तेजी से बदलाव हुआ है और अब पारंपरिक बैंकिंग की जगह डिजिटल-ओनली बैंकिंग खातों ने ली है। ये खाते विशेष रूप से ऑनलाइन काम करते हैं, जिससे बैंक के चक्कर लगाने की परेशानी से मुक्ति मिलती है। नई सुविधाओं के साथ जहां इनके कई फायदे हैं तो कुछ कमियां भी हैं, जिन पर विचार करना सही रहता है। आइये जानते हैं डिजिटल-ओनली बैंकिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं।

फायदे 

चलते-फिरते कर सकते हैं काम 

डिजिटल-ऑनली बैंक खाते में आप दुनिया में कहीं से भी अपने वित्त का प्रबंधन कर सकते हैं। इसके लिए बस आपके पास इंटरनेट कनेक्शन होना चाहिए, जिसके बाद आप बैंक शाखा में जाए बिना लेन-देन, बैलेंस चेक, बिलों का भुगतान समेत कई काम चलते-फिरते कर सकते हैं। इनमें बैंकों की फीस भैतिक बैंकों की तुलना में बहुत कम या बिल्कुल नहीं होती। साथ ही ये बचत खातों पर ज्यादा ब्याज भी प्रदान करती हैं।

नुकसान 

साइबर अटैक का रहता है खतरा 

नुकसान की बात करें तो डिजिटल बैंकिंग में जरूरत पड़ने पर चैट या ईमेल जैसे सीमित ग्राहक सहायता विकल्प उपलब्ध होते हैं। कई मामलों में बैंक प्रतिनिधियों के साथ सीधे संवाद की सुविधा नहीं होती। डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करने वालों के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि उन्हें साइबर खतरों का डर बना रहता है। इंटरनेट कनेक्शन खराब होने या आउटेज के कारण आपके बैंकिंग कार्य में कभी भी व्यवधान पैदा हो सकता है।