देश में मधुमेह की प्रमुख दवा हो सकती है सस्ती, जानिए क्या है कारण
क्या है खबर?
भारत में मधुमेह के उपचार में बड़े बदलाव की संभावना है। घरेलू दवा कंपनियां एंटीडायबिटिक एम्पाग्लिफ्लोजिन का कम लागत वाला जेनेरिक वर्जन लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 11 मार्च को एम्पाग्लिफ्लोजिन पर बोह्रिंगर इंगेलहेम के पेटेंट की समाप्ति के बाद कुछ दिनों में सस्ती दवाएं आ जाएंगी।
इसके लिए मैनकाइंड फार्मा, टोरेंट, एल्केम, डॉ रेड्डीज और ल्यूपिन जैसी प्रमुख दवा निर्माता कुछ ही दिनों में जेनेरिक दवाई पेश करने वाली हैं।
कीमत
कितनी होगी नई दवा की कीमत?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में 60 रुपये प्रति टैबलेट की कीमत पर एम्पाग्लिफ्लोजिन की जेनेरिक दवा 9-14 रुपये प्रति टैबलेट की कम कीमत पर उपलब्ध होगी।
सूत्रों ने बताया कि बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से भारत की चौथी सबसे बड़ी दवा कंपनी मैनकाइंड फार्मा इस दिशा में कदम बढ़ा रही है।
उसने एम्पाग्लिफ्लोजिन को इनोवेटर की 60 रुपये प्रति टैबलेट की कीमत के दसवें हिस्से पर पेश करने की योजना बनाई है।
जरूरत
क्यों जरूरी है दवा की लागत कम करना?
भारत में मधुमेह का दवा का बाजार 2021 में 14,000 करोड़ रुपये से 43 फीसदी से बढ़कर लगभग 20,000 करोड़ रुपये हो गया है।
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, 10.1 करोड़ भारतीय मधुमेह से पीड़ित हैं।
एम्पाग्लिफ्लोजिन का उपयोग विशेषज्ञ हृदय विफलता के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर को कम करने, क्रोनिक किडनी रोग और मधुमेह की रोकथाम के लिए करते हैं।
इस दवा के सस्ते होने से मधुमेह के उपचार में बदलाव आने की उम्मीद है।