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डिलीवरी वर्कर्स ने क्यों किया देशव्यापी हड़ताल का ऐलान?
डिलीवरी वर्कर्स ने किया देशव्यापी हड़ताल का ऐलान

डिलीवरी वर्कर्स ने क्यों किया देशव्यापी हड़ताल का ऐलान?

Dec 25, 2025
03:23 pm

क्या है खबर?

स्विगी, जोमैटो, जेप्टो, ब्लिंकिट, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे बड़े प्लेटफॉर्म से जुड़े डिलीवरी वर्कर्स ने 25 और 31 दिसंबर, 2025 को पूरे देश में हड़ताल का ऐलान किया है। यूनियनों का कहना है कि गिग इकॉनमी में काम करने वालों की हालत लगातार खराब हो रही है। इस हड़ताल से फूड डिलीवरी और ई-कॉमर्स कंपनियों पर दबाव बढ़ने की उम्मीद है, खासकर त्योहारों के व्यस्त समय में सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।

वजह

क्यों नाराज हैं डिलीवरी वर्कर्स?

यूनियनों के अनुसार, डिलीवरी वर्कर्स घटती कमाई, लंबे और अनिश्चित काम के घंटे तथा असुरक्षित डिलीवरी टारगेट जैसे मुद्दों से परेशान हैं। उनका कहना है कि बिना वजह आईडी ब्लॉक कर दी जाती है और सोशल सिक्योरिटी या वेलफेयर सुविधाएं भी नहीं मिलतीं। वर्कर्स पारदर्शी सैलरी सिस्टम, तय काम का बंटवारा और जरूरी आराम के ब्रेक की मांग कर रहे हैं, ताकि काम के दौरान उनकी सुरक्षा और सम्मान बना रहे।

मांग

यूनियनों की प्रमुख मांगें क्या हैं? 

डिलीवरी वर्कर्स की मांग है कि 10 मिनट जैसी अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी व्यवस्था को हटाया जाए, क्योंकि इससे जान का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, बेहतर एक्सीडेंट इंश्योरेंस, सेफ्टी गियर, हेल्थ कवर और पेंशन जैसी सुविधाएं देने की मांग की गई है। यूनियनों का आरोप है कि ऐप्स के जरिए एल्गोरिदमिक कंट्रोल बढ़ गया है, जिससे सारा जोखिम वर्कर्स पर डाल दिया जाता है और कंपनियां जिम्मेदारी से बच रही हैं।

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 उम्मीद 

सरकार से क्या उम्मीद कर रहे हैं वर्कर्स?

यूनियन सरकार से मांग कर रही हैं कि प्लेटफॉर्म कंपनियों को रेगुलेट किया जाए और गिग वर्कर्स को कानूनी सुरक्षा मिले। हाल ही में लागू सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत कंपनियों से योगदान की बात कही गई है, लेकिन यूनियनों का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है। उनका मानना है कि न्यूनतम कमाई, काम की सुरक्षा और सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार के बिना गिग वर्कर्स की स्थिति में असली सुधार नहीं होगा।

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